🕒 Published 3 months ago (4:19 PM)
नई दिल्ली: भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को देशभर में व्यापक स्तर पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा सतर्कता का हिस्सा है, जिसका मकसद संभावित हवाई हमलों या युद्धकालीन परिस्थितियों में नागरिक प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावशीलता को परखना है।
अररिया में दस मिनट का अंधकार
बिहार के अररिया में शाम सात बजे अचानक सायरन की आवाजें गूंज उठीं। बाजार, चौराहों और घरों की सभी लाइटें बंद कर दी गईं। राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर वाहन चालकों ने अपनी हेडलाइट बंद कर सड़क किनारे गाड़ियां रोक दीं। सिविल डिफेंस, आपदा प्रबंधन, दमकल विभाग और पुलिस की टीमों ने इस ब्लैकआउट में भाग लिया।
दिल्ली में पीएम हाउस छोड़ पूरे एनडीएमसी क्षेत्र में ब्लैकआउट
नई दिल्ली में रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। इंडिया गेट, विजय चौक और कर्तव्य पथ जैसे संवेदनशील इलाकों की लाइटें बंद रहीं। पीएम हाउस और राष्ट्रपति भवन को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया।
दुर्ग, पटना, बुलंदशहर और अन्य शहरों में ड्रिल
छत्तीसगढ़ के दुर्ग, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (नरौरा) और गुजरात के सूरत-जामनगर समेत दर्जनों शहरों में ड्रिल के जरिए नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में बरतने वाली सावधानियों की जानकारी दी गई। बुलंदशहर के परमाणु विद्युत केंद्र क्षेत्र में तीन चरणों में ड्रिल हुई – चेतावनी, राहत कार्य और अस्पताल शिफ्टिंग।
IGI एयरपोर्ट और भाजपा मुख्यालय में भी मॉक ड्रिल
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 और भाजपा मुख्यालय में भी विस्तृत नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल की गई, जिसमें इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्लान का मूल्यांकन किया गया।
देशभर के 244 जिलों और अस्पतालों में मॉक अभ्यास
सभी राज्यों के 244 जिलों, बड़े अस्पतालों, स्कूलों, बाजारों, और सार्वजनिक स्थलों पर शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान मेडिकल रिस्पॉन्स टाइम, बंकर की स्थिति, निकासी प्रक्रिया और वार्डन सेवाओं की तत्परता का परीक्षण किया गया।
अमृतसर में दो चरणों की मॉक ड्रिल
अमृतसर की डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि शहर में सुबह 4 बजे और रात 10:30 बजे दो चरणों में सायरन बजाकर ड्रिल की गई। लोगों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और लाइटें बंद रखकर प्रशासन का सहयोग करें।
देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता के तहत यह मॉक ड्रिल न सिर्फ आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए थी, बल्कि यह परखने का जरिया भी थी कि देश किस हद तक आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।