Operation Sindoor: भारत का जवाब मापदंडों के तहत, सोची-समझी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश सचिव की सफाई

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (7:35 AM)

नई दिल्ली: भारतीय सेनाओं द्वारा मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर किए गए सर्जिकल हमले के बाद सरकार ने औपचारिक प्रेस ब्रीफिंग की। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और थलसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल रहीं। प्रेस वार्ता की शुरुआत में संसद हमला (2001), मुंबई हमला (2008), उरी, पुलवामा और हालिया पहलगाम हमले की वीडियो क्लिपिंग दिखाई गई।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम का हमला बेहद कायरतापूर्ण था और इसका उद्देश्य कश्मीर की शांति को भंग करना तथा सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। उन्होंने कहा कि हमले की जांच में पाकिस्तानी आतंक संगठनों की संलिप्तता सामने आई है। उनका कहना था कि पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों का सुरक्षित गढ़ बना हुआ है, जिससे ये अपराधी सजा से बच जाते हैं।

मिस्री ने स्पष्ट किया कि भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से नियंत्रित, सोच-समझकर और जिम्मेदारी के साथ की गई है। यह कोई भड़काऊ कदम नहीं था, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से जरूरी था।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर मंगलवार रात 1:05 बजे शुरू हुआ और लगभग 25 मिनट तक चला। इस दौरान नौ आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बीते 30 वर्षों में आतंकवाद के अड्डों को संस्थागत रूप दे दिया है, जिसे तोड़ना जरूरी था।

वहीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन के लिए ठोस खुफिया जानकारी पहले से मौजूद थी। इस आधार पर मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र, बरनाला और सियालकोट के महमूना कैंप को तबाह किया गया। उनका कहना था कि इन हमलों से आतंकियों की कमर तोड़ दी गई है।

सरकार और सेना दोनों ने साफ कर दिया है कि यह कार्रवाई केवल आतंकी ढांचों को खत्म करने के मकसद से की गई थी और इसका उद्देश्य किसी भी देश की सैन्य व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना नहीं था।

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