🕒 Published 2 months ago (2:59 PM)
नई दिल्ली/वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद जहां देशभर में शोक की लहर है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत को व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस क्रम में अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने न केवल हमले की तीखी निंदा की, बल्कि आतंकियों को दबोचने में भारत को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया है।
तुलसी गबार्ड का कड़ा संदेश: “हम भारत के साथ हैं”
तुलसी गबार्ड ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा,
“इस भयावह इस्लामी आतंकी हमले के बाद हम भारत के साथ एकजुट हैं, जिसमें पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर मार डाला गया। मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दबोचने में आपका समर्थन करेंगे।”
उन्होंने हमले को मानवता के खिलाफ अपराध बताते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता का आह्वान भी किया।
ट्रंप ने पीएम मोदी से की बात, दिया “पूरे समर्थन” का भरोसा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और संवेदना व्यक्त करते हुए सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा:
“कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अविश्वसनीय लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी संवेदना है।”
अमेरिकी विदेश विभाग ने भी दिखाया स्पष्ट रुख
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल को नजरअंदाज करते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा:
“राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री रुबियो ने साफ कर दिया है कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करता है।”
भारत ने कड़ी चेतावनी दी
भारत सरकार ने भी साफ कर दिया है कि इस आतंकी हमले के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पाकिस्तान पर नए प्रतिबंध लगाए जाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।
यह हमला अब केवल भारत की सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की कसौटी बन गया है। अमेरिका का समर्थन भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम है, और आने वाले दिनों में अन्य देशों से भी ऐसे ही समर्थन की उम्मीद की जा रही है।