🕒 Published 2 months ago (6:40 AM)
टाटा ग्रुप की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी, टाटा कैपिटल, अब शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री की तैयारी कर रही है। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए गोपनीय प्रारंभिक दस्तावेज जमा कर दिए हैं। यह IPO लगभग ₹15,000 करोड़ का होगा, जिसमें नए शेयरों का निर्गम और टाटा संस सहित वर्तमान शेयरधारकों द्वारा हिस्सेदारी की बिक्री शामिल होगी।
टाटा कैपिटल का IPO: क्या है योजना?
टाटा कैपिटल के इस IPO में कंपनी 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, साथ ही टाटा संस और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) जैसे मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। टाटा संस, जो टाटा कैपिटल में 92.83% हिस्सेदारी रखती है, इस ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से अपनी कुछ हिस्सेदारी कम करेगी। mint+1IPO Central+1
क्यों जरूरी है यह लिस्टिंग?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल को “अपर लेयर” गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसके अनुसार ऐसी कंपनियों को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है।
वित्तीय प्रदर्शन और विकास
वित्त वर्ष 2024 में, टाटा कैपिटल ने ₹18,178 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34% अधिक है। कंपनी का लोन बुक ₹1 लाख करोड़ से अधिक हो गया है, जिसमें 40% की वृद्धि हुई है, और शुद्ध लाभ ₹3,150 करोड़ रहा, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। The Economic Times
निवेशकों के लिए अवसर
टाटा कैपिटल का यह IPO निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं। कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति, विविध उत्पाद पोर्टफोलियो, और टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।
कुल मिलाकर, टाटा कैपिटल का यह ₹15,000 करोड़ का IPO भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो निवेशकों और बाजार विश्लेषकों की नजर में बना हुआ है।
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