कश्मीर में यौम-ए-कुद्स जुलूस पर बवाल! आपत्तिजनक नारों के चलते पुलिस ने लिया सख्त एक्शन

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:29 AM)

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आयोजित यौम-ए-कुद्स जुलूस के दौरान माहौल बिगड़ने के कारण पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जुलूस में भड़काऊ नारेबाजी और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली गतिविधियां देखी गईं, जिसके चलते पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 126(2) और 189(6) के तहत मामला दर्ज किया है।

क्या है यौम-ए-कुद्स?

यौम-ए-कुद्स, जिसे अंतरराष्ट्रीय कुद्स डे भी कहा जाता है, रमजान के आखिरी शुक्रवार को मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किए जाते हैं, जहां इजरायल की नीतियों की आलोचना होती है। बडगाम में भी इसी सिलसिले में एक जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस दौरान कुछ लोगों ने ऐसे नारे लगाए, जिससे शांति व्यवस्था पर असर पड़ा।

 

सार्वजनिक व्यवस्था पर असर

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, इस जुलूस के चलते कई मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित हुआ, जिससे आम जनता को परेशानी उठानी पड़ी। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल कार्रवाई की और जुलूस में शामिल लोगों को हटाने का प्रयास किया। इसके बाद, कानून के उल्लंघन को देखते हुए संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

कानून व्यवस्था बनाए रखने पर जोर

पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की गतिविधि, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल न हों।

क्या यह पहली बार हुआ है?

बडगाम या कश्मीर में इस तरह के प्रदर्शन पहले भी होते रहे हैं। इससे पहले, सितंबर 2024 में भी एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था, जब लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के खिलाफ लोगों ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की थी। उस दौरान कई राजनीतिक नेताओं ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए थे।

आगे की कार्रवाई

इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सतर्क हो गई हैं और इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों में जुटा है। बडगाम की घटना को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि लोग संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतें और कानून का सम्मान करें।

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