अमित शाह का राहुल गांधी पर पलटवार – ‘बोलने का मौका मिला, लेकिन थे वियतनाम में’

Photo of author

By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (5:45 AM)

संसद में बोलने को लेकर राहुल गांधी और अमित शाह आमने-सामने

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता और जब भी वे अपने विचार रखने के लिए खड़े होते हैं, तब उनका माइक बंद कर दिया जाता है। इस बयान के बाद भारतीय राजनीति में हलचल मच गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के इन आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि जब संसद में उन्हें बोलने का समय दिया गया था, तब वे वियतनाम की यात्रा पर थे।

अमित शाह का पलटवार: नियमों का पालन जरूरी

अमित शाह ने शुक्रवार (29 मार्च) को ‘टाइम्स नाउ समिट 2025’ में बोलते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता शायद यह नहीं जानते कि सदन में बोलने के नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद कोई ऐसी जगह नहीं जहां मनमर्जी से कोई भी कभी भी बोल सके। शाह ने कहा, “बजट पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी को 42 प्रतिशत समय दिया गया था। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वे तय करें कि कौन बोलेगा।”

 

वियतनाम दौरे का जिक्र

गृह मंत्री ने राहुल गांधी के विदेश दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि जब संसद में गंभीर बहस चल रही थी, तब वे वियतनाम में थे। उन्होंने कहा, “जब वे वापस लौटे, तो उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार संसद में बोलने पर जोर देना शुरू कर दिया। लेकिन संसद के अपने नियम होते हैं, यह कांग्रेस पार्टी की तरह नहीं चलती, जिसे एक परिवार नियंत्रित करता है और जहां जब चाहें, तब बोल सकते हैं।”

आरक्षण पर भी उठाए सवाल

अमित शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इसे ‘लॉलीपॉप’ करार देते हुए कहा कि संविधान धर्म के आधार पर किसी भी तरह के आरक्षण की अनुमति नहीं देता। उन्होंने यह भी कहा कि अदालतें इस फैसले को खारिज कर देंगी क्योंकि यह असंवैधानिक है। शाह ने दो टूक कहा, “हम धर्म के आधार पर आरक्षण देने के सख्त खिलाफ हैं।”

आपातकाल जैसे हालात नहीं, सरकार की आलोचना जारी

कांग्रेस द्वारा देश में आपातकाल जैसे हालात होने के आरोपों पर भी अमित शाह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में देश में आपातकाल जैसा माहौल होता, तो कांग्रेस के नेता जेल में होते। उन्होंने विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने ही पहले इस तरह की कवायद का विरोध किया था।

निष्कर्ष

संसद में बोलने को लेकर राहुल गांधी और अमित शाह के बीच हुई यह बहस एक बार फिर से दिखाती है कि भारतीय राजनीति में बयानबाजी का खेल कितना तीखा हो सकता है। जहां कांग्रेस सरकार पर लोकतंत्र को दबाने का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी इसे नियमों और प्रक्रियाओं के तहत काम करने की बात कह रही है। यह विवाद आगे क्या मोड़ लेगा, यह देखने वाली बात होगी।

अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।

Leave a Comment