🕒 Published 4 months ago (5:17 AM)
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा: रायपुर-भिलाई में आवासों पर छापेमारी, महादेव सट्टा और शराब घोटाले की जांच जारी
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह राजनीति से हटकर कुछ और है। भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा कस गया है। बुधवार की सुबह जब रायपुर और भिलाई के उनके आवासों पर CBI की टीम पहुंची, तो पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। ये छापेमारी ना सिर्फ बघेल बल्कि उनके परिवार और करीबियों पर हो रही जांच का हिस्सा है, जो महादेव सट्टा और 2161 करोड़ के कथित शराब घोटाले से जुड़ी हुई है।
CBI ने क्यों कसा शिकंजा?
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा अचानक नहीं कसा गया। इसके पीछे कई दिनों से चल रही जांच और इन्वेस्टिगेशन का लंबा इतिहास है। यह मामला कथित शराब घोटाले और महादेव सट्टा के बड़े घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारी मात्रा में कैश लेनदेन की बात सामने आई थी। कहा जा रहा है कि बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ जांच का यह सिलसिला तेज होता जा रहा है। सीबीआई की इस कार्रवाई से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी भूपेश बघेल के घर पर छापा मारा था, जो जांच के एक अहम हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
महादेव सट्टा मामले का कनेक्शन
महादेव सट्टा एक बड़ा घोटाला है, जिसके तार भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से जुड़े हुए माने जा रहे हैं। इस मामले में भारी कैश लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। दुर्ग के पूर्व एसपी अभिषेक पल्लव पर प्रतिमाह 10 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है, वहीं दूसरे अधिकारियों पर भी ऐसे ही आरोप लगे हैं। इन सबकी जांच के चलते भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा कसता जा रहा है।
रायपुर-भिलाई में छापेमारी: कैसे हुआ यह ऑपरेशन?
बुधवार की सुबह, जैसे ही सीबीआई की टीम रायपुर और भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवासों पर पहुंची, पूरे इलाके में हलचल मच गई। इस दौरान कार्रवाई का विरोध होने की संभावना के चलते भारी पुलिस बल को तैनात किया गया। सीबीआई की टीम बघेल के घर के अंदर गहन जांच कर रही थी, जबकि बाहर पुलिस की सख्त सुरक्षा व्यवस्था थी, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव
CBI की इस कार्रवाई के दौरान, पूर्व में ईडी द्वारा की गई कार्रवाई की तरह ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन की आशंका थी। पिछली बार जब ईडी ने छापा मारा था, तब बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेताओं और समर्थकों ने विरोध जताया था। इसी कारण, इस बार पुलिस की भारी तैनाती सुनिश्चित की गई ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोका जा सके। विरोध की संभावना के चलते पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं, जिससे माहौल पूरी तरह नियंत्रण में रखा जा सके।
क्या है 2161 करोड़ का शराब घोटाला?
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा सिर्फ महादेव सट्टा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ 2161 करोड़ के कथित शराब घोटाले में भी जांच चल रही है। यह घोटाला छत्तीसगढ़ में शराब माफिया और नेताओं के गठजोड़ का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कैश लेनदेन के आरोप लगे हैं। इस घोटाले में बघेल और उनके परिवार के सदस्यों का नाम आने के बाद से ही मामला काफी गर्माया हुआ है।
CBI की टीम की गुप्त जांच जारी
इस पूरे मामले में सीबीआई की टीम ने गुप्त तरीके से जांच शुरू की थी। पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद, अब सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लिया है और सीधे बघेल के घर पर पहुंचकर छापेमारी की। सूत्रों की मानें तो सीबीआई की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइलें जब्त की हैं, जो मामले की जांच में निर्णायक साबित हो सकती हैं।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा सिर्फ एक जांच का हिस्सा नहीं है, बल्कि इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी भूचाल आ गया है। बघेल, जो कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, अब इस बड़े विवाद में फंसते दिख रहे हैं। उनकी छवि को इस मामले से तगड़ा झटका लगा है, और कांग्रेस पार्टी में भी इस मामले को लेकर हलचल मची हुई है।
कांग्रेस का समर्थन और विरोध
जहां एक ओर कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेता भूपेश बघेल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इस मामले को लेकर उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। बीजेपी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेताओं का असली चेहरा अब जनता के सामने आ रहा है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यह जांच राजनीति से प्रेरित है और बघेल को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
आगे की कार्रवाई: क्या हो सकता है भूपेश बघेल का भविष्य?
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा कसते ही उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस जांच के बाद क्या बघेल और उनका परिवार इस विवाद से बाहर निकल पाते हैं या नहीं। अगर जांच में उन्हें दोषी पाया जाता है, तो यह छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
निष्कर्ष: क्या सीबीआई की जांच बदल देगी बघेल की किस्मत?
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा न सिर्फ उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ा खतरा है, बल्कि इससे कांग्रेस पार्टी के लिए भी चुनौती खड़ी हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस मामले से बड़ा मोड़ आ सकता है। भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा जैसे-जैसे कसता जा रहा है, वैसे-वैसे इस मामले में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। अब यह देखना बाकी है कि इस जांच का क्या नतीजा निकलता है और क्या बघेल इस संकट से उबर पाते हैं या नहीं।
भूपेश बघेल पर CBI का शिकंजा उनके समर्थकों के लिए झटका साबित हो सकता है, जबकि उनके विरोधियों के लिए यह एक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन इस पूरे मामले का अंतिम निष्कर्ष क्या होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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