कर्नाटक में हनी ट्रैप का खुलासा: 48 नेताओं की सीडी और पेन ड्राइव होने का दावा, हाई-लेवल जांच के आदेश

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By Ankit Kumar

🕒 Published 5 months ago (6:29 AM)

कर्नाटक की राजनीति में हनी ट्रैप का मामला एक बड़ा विवाद बनकर सामने आया है। राज्य के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने विधानसभा में सनसनीखेज दावा किया कि राज्य में 48 नेता हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं, जिनमें कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। इसके बाद पूरे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया।

मंत्री के एन राजन्ना का बड़ा खुलासा

कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने विधानसभा में कहा, “कहा जाता है कि कर्नाटक में सीडी और पेन ड्राइव बनाने की एक फैक्ट्री चल रही है। मुझे जानकारी मिली है कि 48 नेताओं की सीडी और पेन ड्राइव मौजूद हैं, जो पूरे भारत में फैली इस साजिश का हिस्सा हैं। कई केंद्रीय मंत्री भी इस जाल में फंसे हुए हैं।”

इस बयान के बाद कर्नाटक की राजनीति में हलचल मच गई। यह पहली बार नहीं है जब राज्य में इस तरह के हनी ट्रैप मामलों की चर्चा हो रही है। इससे पहले, राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी दावा किया था कि एक वरिष्ठ मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने की दो असफल कोशिशें की गई थीं।

 

गृह मंत्री का आश्वासन: होगी उच्चस्तरीय जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसकी उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने विधानसभा में कहा, “यदि हमें अपने सदस्यों की गरिमा बनाए रखनी है, तो हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी होगी। यह एक गंभीर मुद्दा है और मैं इसकी उच्चस्तरीय जांच का आदेश दूंगा।”

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान

विधानसभा में विपक्ष ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “जैसे ही कोई शिकायत दर्ज होती है, जांच शुरू कर दी जाएगी। किसी को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है। गृह मंत्री जी परमेश्वर पहले ही इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे चुके हैं।”

भाजपा का पलटवार

इस मुद्दे पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता सी.टी. रवि ने कहा, “सतीश जारकीहोली कर्नाटक के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। अगर उन्होंने यह बयान दिया है, तो यह सच हो सकता है। यह कोई आम व्यक्ति द्वारा लगाया गया आरोप नहीं है, बल्कि कांग्रेस सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने यह दावा किया है। इसलिए इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की जाए।”

क्या है हनी ट्रैप?

हनी ट्रैप आमतौर पर किसी को ब्लैकमेल करने की रणनीति होती है, जिसमें उनके निजी जीवन से जुड़ी संवेदनशील जानकारी या वीडियो का इस्तेमाल कर दबाव बनाया जाता है। कर्नाटक में इस मामले के सामने आने से न केवल राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है, बल्कि पूरे देश में चर्चा तेज हो गई है।

आगे क्या होगा?

राज्य सरकार इस मामले की जांच में जुट गई है। यदि इन आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो यह कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा खुलासा होगा। अब देखना यह है कि जांच क्या निष्कर्ष निकालती है और इस साजिश के पीछे कौन लोग शामिल हैं।

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