🕒 Published 5 months ago (5:10 AM)
सौरभ हत्याकांड: दिल पर चाकू के तीन वार, पोस्टमार्टम में डॉक्टर भी रह गए हैरान!
मेरठ, उत्तर प्रदेश – सौरभ हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला केवल एक और हत्या नहीं है, बल्कि इसमें जो क्रूरता दिखाई दी है, उसने लोगों के मन में एक गहरा डर पैदा कर दिया है। सौरभ राजपूत, एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला शख्स, जिसकी जान उसके ही परिवार के लोगों ने ले ली। यह मामला अब पूरे देश की सुर्खियों में है, और इसे लेकर लोगों में गुस्सा और डर दोनों है।
क्या है सौरभ हत्याकांड?
सौरभ हत्याकांड में सौरभ की पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर सौरभ की निर्मम हत्या की। सौरभ लंदन में एक बेकरी में काम करता था और 24 फरवरी 2025 को अपनी पत्नी मुस्कान और छह साल की बेटी के जन्मदिन पर मेरठ लौटा था। उसे क्या पता था कि मुस्कान और साहिल ने पहले से ही उसकी हत्या की योजना बना रखी थी। 4 मार्च को मुस्कान ने सौरभ के खाने में नशीली दवा मिलाकर उसे बेहोश कर दिया, जिसके बाद साहिल ने चाकू से सौरभ के दिल पर तीन वार किए और उसकी जान ले ली।
क्रूरता की हदें पार: सौरभ के शव को 15 टुकड़ों में काटा गया
सौरभ हत्याकांड केवल हत्या तक ही सीमित नहीं रहा। मुस्कान और साहिल ने हत्या के बाद सौरभ के शव को 15 टुकड़ों में काटकर एक नीले ड्रम में छिपाने की कोशिश की। इस क्रूरता ने न केवल पुलिस को, बल्कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को भी चौंका दिया। इस हत्याकांड ने पुलिस और जनता दोनों के लिए एक गहरा सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे कोई इतना निर्मम हो सकता है?
पोस्टमार्टम में डॉक्टर भी रह गए हैरान
सौरभ हत्याकांड के बाद जब पुलिस ने शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा, तो पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के लिए भी यह दृश्य असहनीय था। डॉक्टरों ने बताया कि सौरभ के शरीर पर कई चाकू के घाव थे और शव को 15 टुकड़ों में काटा गया था। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि सौरभ की मौत दिल पर चाकू से किए गए वारों के कारण हुई थी। डॉक्टरों के अनुसार, यह मामला उनकी पूरी करियर में सबसे भयानक था।
साजिश का पर्दाफाश: मुस्कान और साहिल की योजना
सौरभ हत्याकांड की साजिश नवंबर 2024 से ही शुरू हो गई थी। मुस्कान और साहिल ने हत्या की पूरी योजना बना ली थी। मुस्कान ने पहले से ही नशीली दवाओं, चाकू और ड्रम का इंतजाम कर रखा था। इस सुनियोजित साजिश ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। सौरभ की हत्या केवल एक अचानक गुस्से का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह एक महीनों से चली आ रही साजिश थी।
सौरभ हत्याकांड: कानून का नया दृष्टिकोण
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 और 105 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नए कानून के तहत, मुस्कान और साहिल को फांसी या आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है। इस क्रूर हत्या को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ मामलों में से एक माना जा रहा है, जिसका मतलब है कि दोनों दोषियों को कठोरतम सजा मिलने की संभावना है। नए कानूनों के तहत, अगर कोई अपराध इतनी क्रूरता से किया गया हो कि समाज में उसकी मिसाल खतरनाक हो, तो अदालत फांसी की सजा दे सकती है।
क्या होगी मुस्कान और साहिल की सजा?
सौरभ हत्याकांड के मामले में मुस्कान और साहिल की सजा को लेकर कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों को आजीवन कारावास या फांसी की सजा हो सकती है। इस केस में कई ऐसी बातें हैं जो इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस बनाती हैं। मुस्कान ने हत्या की योजना महीनों पहले से बनाई थी, और सौरभ को नशीली दवा देकर बेहोश करने के बाद साहिल ने उसे चाकू से मार डाला। इसके बाद शव को काटकर छिपाने की क्रूरता इस केस को और भी गंभीर बनाती है।
न्यायिक प्रक्रिया और कोर्ट का रुख
मेरठ की अदालत ने 19 मार्च 2025 को मुस्कान और साहिल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस दौरान पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस केस में चार्जशीट दाखिल होने और न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 90 दिन का समय लग सकता है। इस दौरान दोनों को जमानत मिलने की संभावना न के बराबर है।
सौरभ हत्याकांड: सोशल मीडिया पर आक्रोश
सौरभ हत्याकांड को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में भारी आक्रोश है। लोग इस मामले में कठोर सजा की मांग कर रहे हैं। सौरभ के परिवार और मुस्कान के माता-पिता ने भी फांसी की सजा की मांग की है। यह मामला न केवल कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी बन गया है।
अपराध के तरीके ने किया सभी को स्तब्ध
सौरभ हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि मुस्कान ने साहिल को तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के जाल में फंसाकर हत्या की योजना बनाई। मुस्कान ने साहिल को फर्जी मैसेज भेजकर यह विश्वास दिलाया कि उसकी मृत माँ उससे सौरभ को मारने के लिए कह रही है। यह अंधविश्वास और साजिश का खेल इस हत्याकांड को और भी चौंकाने वाला बनाता है।
पश्चाताप का अभाव: मुस्कान और साहिल की मनोदशा
सौरभ हत्याकांड के बाद जब मुस्कान और साहिल को जेल में भेजा गया, तो दोनों ने अलग-अलग बैरक की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया। जेल में मुस्कान ने अपनी पहली रात बेचैनी में गुजारी, लेकिन उसने किसी से बात नहीं की। इससे यह लगता है कि दोनों को अपने किए पर पश्चाताप नहीं है।
क्या कहता है इतिहास?
सौरभ हत्याकांड को निर्भया केस (2012) और धनंजय चटर्जी केस (2004) जैसे मामलों से तुलना की जा रही है। इन मामलों में अपराध की क्रूरता को देखते हुए दोषियों को फांसी की सजा दी गई थी। इस केस में भी क्रूरता और साजिश को देखते हुए कोर्ट इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ मामलों में से एक मान सकता है, और दोषियों को फांसी की सजा दी जा सकती है।
सौरभ हत्याकांड का सामाजिक प्रभाव
सौरभ हत्याकांड का सामाजिक प्रभाव भी गंभीर है। इस हत्या ने समाज में वैवाहिक संबंधों और विश्वास के मुद्दों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग सोच रहे हैं कि कैसे कोई व्यक्ति अपने ही पति की हत्या कर सकता है, और वह भी इतनी क्रूरता से। यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और विश्वासघात का प्रतीक बन गया है।
निष्कर्ष: सौरभ हत्याकांड का न्यायिक भविष्य
सौरभ हत्याकांड एक ऐसी घटना है जिसने न केवल मेरठ बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। मुस्कान और साहिल की सजा का फैसला कोर्ट करेगी, लेकिन जनता में इस बात को लेकर गहरी उत्सुकता है कि दोनों को किस प्रकार की सजा मिलेगी। इस मामले में कानून अपना काम करेगा, लेकिन यह घटना समाज में एक गंभीर संदेश छोड़ गई है।
सौरभ हत्याकांड ने क्रूरता और साजिश की ऐसी तस्वीर पेश की है, जिसे लोग कभी नहीं भूल पाएंगे।
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