कुंडली के 5 दोष और उनके निवारण
कुंडली, जिसे जन्मपत्री या जन्मकुंडली भी कहा जाता है, एक विशेष प्रकार का खगोलीय चार्ट होता है जिसे किसी व्यक्ति के जन्म समय और स्थान के आधार पर तैयार किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी कुंडली में दोष होते हैं जो व्यक्ति के जीवन में समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस लेख में हम “कुंडली के 5 दोष और उनके निवारण” पर चर्चा करेंगे, ताकि आप इन दोषों को समझ सकें और उनके निवारण के उपाय जान सकें।
कुंडली दोष क्या होते हैं?
जब कुंडली में कुछ ग्रह विपरीत स्थिति में होते हैं या उनकी स्थिति कमजोर होती है, तब इसे कुंडली दोष कहा जाता है। ये दोष व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, समस्याएं और असफलताएं उत्पन्न कर सकते हैं। हालांकि, हर कुंडली दोष का समाधान है, जिसे सही ज्योतिषीय उपायों द्वारा दूर किया जा सकता है। अब आइए, हम “कुंडली के 5 दोष और उनके निवारण” के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. मंगल दोष और उसका निवारण
मंगल दोष तब होता है जब मंगल ग्रह व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में स्थित होता है। यह दोष विशेष रूप से वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। मंगल दोष के कारण दांपत्य जीवन में तनाव और असफलताएं हो सकती हैं।
मंगल दोष का निवारण:
- हनुमान जी की पूजा करना और मंगलवार का व्रत रखना लाभकारी होता है।
- मंगल दोष वाले व्यक्तियों को लाल रंग के वस्त्र और रत्न धारण करने से बचना चाहिए।
- हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और मंदिर में लाल फूल अर्पित करें।
2. कालसर्प दोष और उसका निवारण
कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में अचानक समस्याएं, आर्थिक संकट और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष का निवारण:
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करना इस दोष को कम कर सकता है।
- शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाकर भगवान शिव से प्रार्थना करें।
- कालसर्प दोष की शांति के लिए ज्योतिषीय विधि से नाग पूजा करवानी चाहिए।
3. पितृ दोष और उसका निवारण
पितृ दोष तब होता है जब व्यक्ति के पूर्वज नाराज होते हैं या उनके आत्मा की शांति के लिए पूर्णत: कर्मकांड नहीं किए जाते। इस दोष के कारण व्यक्ति को संतान प्राप्ति में दिक्कतें, परिवार में असहमति और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पितृ दोष का निवारण:
- श्राद्ध पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से इस दोष का निवारण होता है।
- नियमित रूप से गीता का पाठ और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
- गौ सेवा और ब्राह्मण भोजन करवाने से पितृ दोष शांत होता है।
4. शनि दोष और उसका निवारण
शनि दोष तब उत्पन्न होता है जब शनि ग्रह कुंडली में कमजोर या अशुभ स्थिति में होता है। यह दोष व्यक्ति के करियर, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में संघर्ष, देरी और असफलताएं झेलनी पड़ती हैं।
शनि दोष का निवारण:
- शनि दोष से बचने के लिए शनिवार को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए और काले तिल, काला कपड़ा दान करना चाहिए।
- शनि मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाना और शनि मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
- शनि दोष से मुक्ति के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे सरसों का तेल चढ़ाएं।
5. ग्रहण दोष और उसका निवारण
ग्रहण दोष तब होता है जब सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय जन्म होता है या कुंडली में राहु या केतु सूर्य या चंद्र के साथ होते हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और जीवन में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
ग्रहण दोष का निवारण:
- ग्रहण दोष के निवारण के लिए सूर्य और चंद्र देव की आराधना करनी चाहिए।
- ग्रहण के समय किसी भी महत्वपूर्ण कार्य से बचें और मंदिर जाकर पूजा करें।
- सूर्य मंत्र का जाप और दान पुण्य करना इस दोष को कम करता है।
कुंडली के दोषों से बचने के सामान्य उपाय
अब तक हमने “कुंडली के 5 दोष और उनके निवारण” के बारे में जाना। लेकिन कुंडली के दोषों से बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी हैं जो हर कोई कर सकता है:
- नियमित रूप से भगवान की आराधना करें और अपने कर्मों को शुद्ध रखें।
- दान और सेवा करें, खासकर शनिवार के दिन गरीबों की मदद करें।
- अपनी कुंडली की जांच करवा कर समय पर सही ज्योतिषीय उपाय अपनाएं।
निष्कर्ष
कुंडली में दोष होना एक सामान्य बात है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि जीवन में केवल समस्याएं ही होंगी। हर कुंडली दोष का समाधान होता है, और सही ज्योतिषीय उपाय अपनाने से इन दोषों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। हमने इस लेख में “कुंडली के 5 दोष और उनके निवारण” के बारे में चर्चा की, जिससे आप अपने जीवन को बेहतर और सफल बना सकते हैं। सही दिशा में किए गए उपाय आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता ला सकते हैं।
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