भारत सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों पर लगाए जाने वाले करों में बड़े बदलाव की योजना बनाई जा रही है। 31 मार्च, 2026 को कंपन्सेशन सेस समाप्त हो जाएगा, जिससे सरकार को तंबाकू उत्पादों से होने वाले राजस्व को बनाए रखने के लिए नए उपायों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में सरकार 40 प्रतिशत जीएसटी (Goods and Services Tax) लगाने पर विचार कर रही है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। वर्तमान में भारत में तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा, कंपन्सेशन सेस, एक्साइज ड्यूटी और अन्य कर लगाए जाते हैं। इस वजह से कुल इनडायरेक्ट टैक्स का भार 53 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
तंबाकू उत्पादों पर कराधान की वर्तमान स्थिति
तंबाकू उत्पादों को सरकार द्वारा ‘Sin Goods’ की श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि इन पर उच्च कर लगाया जाता है ताकि इनका उपभोग कम हो और इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को रोका जा सके। वर्तमान कराधान निम्नलिखित प्रकार से है:

- जीएसटी: 28%
- कंपन्सेशन सेस: सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर अलग-अलग दरें
- नेशनल कैलेमिटी कंटिन्जेंट ड्यूटी (NCCD): स्वास्थ्य और आपदा कोष के लिए अतिरिक्त कर
- एक्साइज ड्यूटी: केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाने वाला कर
अगर सरकार 40% जीएसटी लागू करती है, तो इससे तंबाकू उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है।
सरकार के इस फैसले के पीछे तर्क
- राजस्व बनाए रखना: 2026 में कंपन्सेशन सेस समाप्त होने के बाद सरकार को नए कर उपायों की जरूरत होगी।
- स्वास्थ्य संबंधी लाभ: उच्च कर दरों से तंबाकू उत्पाद महंगे होंगे, जिससे इनका उपभोग कम होगा और जनसंख्या के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं तंबाकू उत्पादों पर उच्च कर लगाने की सिफारिश करती हैं।
- कंपन्सेशन सेस की भरपाई: मौजूदा कर प्रणाली में बदलाव करके सरकार को अपने राजस्व स्रोतों को संतुलित करना होगा।
वित्तीय प्रभाव और बाजार प्रतिक्रिया
भारत सरकार को तंबाकू उत्पादों से हर साल हजारों करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने 72,788 करोड़ रुपये का राजस्व तंबाकू उत्पादों से अर्जित किया था। हालांकि, इस खबर के कारण तंबाकू कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। प्रमुख कंपनियों पर प्रभाव:
- आईटीसी (ITC) के शेयरों में 2% की गिरावट।
- गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips) के शेयरों में 5% से अधिक की गिरावट।
अगर 40% जीएसटी लागू होता है, तो यह तंबाकू उद्योग को गहरे प्रभाव में डाल सकता है। कई निवेशक इन कंपनियों से अपने पैसे निकाल सकते हैं, जिससे बाजार में और गिरावट आ सकती है।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
1. तंबाकू उपभोग में गिरावट: बढ़ी हुई कीमतें तंबाकू उपभोग को हतोत्साहित करेंगी, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
2. अवैध व्यापार का खतरा: अत्यधिक कर बढ़ाने से तंबाकू का अवैध व्यापार बढ़ सकता है।
3. रोजगार पर असर: तंबाकू उद्योग में लाखों लोग कार्यरत हैं, और उच्च कर दरें इस क्षेत्र में नौकरियों को प्रभावित कर सकती हैं।
4. सरकारी स्वास्थ्य व्यय में कमी: तंबाकू से संबंधित बीमारियों में कमी आने से सरकार के स्वास्थ्य व्यय में कटौती हो सकती है।
सरकार का यह प्रस्ताव एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का संकेत देता है, जहां राजस्व वृद्धि और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रखा गया है। हालांकि, इसका तंबाकू उद्योग और शेयर बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस नई कर नीति को कैसे लागू करती है और इसका समाज एवं अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।
अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।