Sanchar Saathi violates privacy, संचार साथी (Sanchar Saathi) ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन का मुद्दा गरमा गया है । सरकार ने इस ऐप को सभी मोबाइल में अनिवार्य रूप से प्री इंस्टाल करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के फैसले पर को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस कदम को सीधे-सीधे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और नागरिकों की निजता में दखल अंदाज के बीच एक बहुत पतली रेखा होती है—और सरकार के हालिया आदेश ने इस रेखा को पार कर दिया है।
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क्या है विवाद ? Sanchar Saathi violates privacy
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है । इस आदेश के तहत चाहे भारत में बने हों या फिर बाहर से आयात किए गए हों । हर मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप इंस्टॉल होना जरूरी होगा ।
सरकार ने यह दावा है कि यह कदम साइबर फ्रॉड रोकने के लिए जरूरी कदम है जबकि विपक्ष इसे निगरानी और पूर्ण रूप से निजता पर हमला मान रहा है।
“देश को डिक्टेटरशिप की ओर ले जाया जा रहा है” – प्रियंका गांधी
संसद परिसर के बाहर मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा—
यह खाली फोन की निगरानी नहीं, बल्कि देश को धीरे-धीरे तानाशाही की तरफ ले जाने का पूरा प्रयास है।
सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा होने ही नहीं दे रही, इसलिए संसद नहीं चल पा रही है।
गांधी ने कहा कि विपक्ष को दोष देना बहुत आसान है, लेकिन सच्चाई तो यही है ना कि बहस से तो सरकार खुद बच रही है ।
प्राइवेसी उल्लंघन की आशंका बढ़ी, Sanchar Saathi violates privacy
प्रियंका गांधी ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी की जरूरत पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन यह फैसला लोगों की निजी जिंदगी में सीधा दखल देता है।
उनके अनुसार:
फ्रॉड रोकने के लिए बेहतर सिस्टम चाहिए यह जरूरी है
लेकिन नागरिकों की हर गतिविधि पर निगरानी नहीं होनी चाहिए
यह आदेश निजता के अधिकार पर सीधा हमला है
कांग्रेस जल्द तय करेगी अपना आधिकारिक रुख
पार्टी इस मुद्दे पर बैठक आयोजित करेगी
प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि पार्टी इस मुद्दे पर बैठक आयोजित करेगी और तय करेगी कि आगे की रणनीति क्या होगी। उन्होंने कहा कि
“हम इस मुद्दे पर सभी नेताओं से बात करेंगे और तय करेंगे कि हमारा रुख क्या होगा। यह मुद्दा सिर्फ टेक्नोलॉजी का नहीं, बल्कि नागरिक स्वतंत्रता का है।”
संचार साथी ऐप को लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है।
संचार साथी ऐप को चाहे तो डिलीट कर सकते हैं : सिंधिया
वहीं दूसरी ओर संचार साथी ऐप को लेकर मचे विपक्ष के घमासान बीच केंद्र सरकार ने बयान जारी किया है । सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संचार साथी ऐप को फोन में इंस्टॉल करना अनिवार्य नहीं है। यह यूजर पर निर्भर करता है कि वह इस ऐप को जब चाहे डिलीट कर दे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे विपक्ष का एजेंडा बताया है।
संचार एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, विपक्ष कुर्सी पीछे, कुर्सी के नीचे, कुर्सी के लिए मु्द्दे ढूंढ रहा है। विपक्ष का एक ही काम है जनता को भ्रमित करना लेकिन इसे दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है
नागरिकों को फॉड से बचाने के लिए संचार साथी ऐप
सिंधिया ने बताया 2024 में भारत में 22 हजार 800 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ है। और नागरिकों को इसी फॉड से बचाने के लिए संचार साथी ऐप तैयार किया है । इसे जो भी व्यक्ति इस्तेमाल करना चाहता है वे कर सकते हैं । जो इसे डिलीट करना चाहे वह डिलीट भी कर सकता है ।
करो तो मरो न करो तो मरो…Sanchar Saathi violates privacy
विपक्ष पर तंज कसते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, एक ओर विपक्ष चिल्ला रहा है कि फ्रॉड रोकने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। दूसरी ओर संचार साथी ऐप के जरिए जब सरकार कदम उठा रही है तो विरोध कर रहे हैं। वो पेगासस कह रहे हैं। एक ओर करो तो मरो, न करो तो मरो। जो लोग सत्य नहीं देखना चाहते हैं, उन्हें सत्य नहीं दिखा सकते हैं।
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