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हैती में तूफान मेलिसा की तबाही, मरने वालों की संख्या 43 पहुंची, जमैका में भी भारी नुकसान

हैती में तूफान मेलिसा ने भयंकर तबाही मचाई है। मंगलवार को हैती सरकार ने पुष्टि की कि इस तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है।

दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान

सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां के पेटिट-गोआवे शहर में अकेले 25 लोगों की जान चली गई। भूस्खलन और बाढ़ के पानी ने करीब 30 से अधिक समुदायों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और कई अपने परिवार के सदस्यों से बिछड़ गए हैं।

श्रेणी 5 का तूफान बना विनाश का कारण

तूफान मेलिसा श्रेणी 5 का था, जिसे अटलांटिक महासागर के अब तक के सबसे शक्तिशाली तूफानों में गिना जा रहा है। इसकी रफ्तार और दायरा इतना व्यापक था कि पूरे देश की बुनियादी संरचना को गंभीर नुकसान पहुंचा। 12,000 से अधिक घरों में पानी भर गया, जबकि करीब 200 घर पूरी तरह नष्ट हो गए। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने से राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।

राहत कार्य और सरकारी प्रयास

हैती सरकार ने बताया कि बचाव दल लगातार प्रभावित इलाकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। अभी भी कई स्थानों पर पीने के पानी की भारी किल्लत है। सरकार ने यह भी कहा कि जिन किसानों की फसलें और जमीनें बर्बाद हो गई हैं, उन्हें बीज और कृषि उपकरण जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। फिलहाल लगभग 1,700 से अधिक लोग अस्थायी आश्रय स्थलों में रह रहे हैं।

जमैका में भी तबाही का असर

तूफान मेलिसा का असर केवल हैती तक सीमित नहीं रहा। पड़ोसी देश जमैका में भी इस तूफान ने भारी नुकसान पहुंचाया है। वहां राहत एजेंसियों की 24 से अधिक टीमें उन इलाकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं जिनका संपर्क 28 अक्तूबर को तूफान के दौरान पूरी तरह से टूट गया था। जमैका सरकार ने अब तक 32 मौतों की पुष्टि की है, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या और बढ़ सकती है।

राहत एजेंसियों ने जताई चिंता

आपदा राहत और विकास संगठन वर्ल्ड विज़न इंटरनेशनल के प्रमुख माइक बैसेट ने स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा, “मैंने पिछले 10 सालों में ऐसा विनाश कभी नहीं देखा। अगर तुरंत मदद नहीं पहुंचाई गई, तो यह एक बड़े मानवीय संकट का रूप ले सकता है।” उन्होंने बताया कि तूफान के बाद से बिजली और पानी की आपूर्ति लगभग ठप हो गई है।

जमैका के सामाजिक सुरक्षा मंत्री पर्नेल चार्ल्स जूनियर ने कहा कि सरकार राहत कार्यों में तेजी ला रही है और प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाइयां और पीने का पानी भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आपातकालीन सेवाओं की मदद के लिए अतिरिक्त फंड जारी किया गया है।

मानवता की सबसे बड़ी परीक्षा

हैती और जमैका दोनों देशों के सामने अब पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। घरों के टूटने, बिजली और पानी की कमी तथा संचार तंत्र के नष्ट होने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत एजेंसियां और अंतरराष्ट्रीय संगठन इन देशों को सहायता पहुंचाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

तूफान मेलिसा ने यह साबित कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अटलांटिक क्षेत्र में तूफानों की तीव्रता बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में ऐसे भीषण तूफानों की संभावना और अधिक हो सकती है।

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