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बिहार में मंदिर बनाइए, पर रोज़गार और शिक्षा भी ज़रूरी: खेसारी लाल यादव का एनडीए पर तीखा हमला

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले भोजपुरी सुपरस्टार और राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने एनडीए पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मंदिर बनाना बुरा नहीं, लेकिन सिर्फ़ उसी पर राजनीति करना गलत है। खेसारी ने कहा कि अगर मंदिर ही हमारे बच्चों का भविष्य तय कर सकते हैं, तो बिहार में 200 मंदिर बनवाकर दिखाइए और बताइए कि कितने बच्चों का भविष्य सुधर गया। उनका बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर जोरदार बहस छिड़ गई है।

“मंदिर ज़रूरी है, लेकिन अस्पताल और स्कूल भी”

छपरा सीट से राजद के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने अपने ‘मंदिर-अस्पताल’ वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वे भगवान या मंदिर के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ़ यह कहा कि राम मंदिर बनना ज़रूरी है, लेकिन क्या अस्पताल, स्कूल और रोज़गार नहीं चाहिए? क्या हम अपने बच्चों को रोज़गार देने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को वोट देंगे?”

उन्होंने आगे कहा, “लोगों ने आपको भरोसे के साथ वोट दिया था ताकि बिहार आगे बढ़े। मंदिर बनाइए, भक्ति कीजिए, लेकिन साथ में अस्पताल, स्कूल और उद्योग भी बनाइए। भगवान हमारे दिल में रहते हैं, मूर्तियों में नहीं। असली भक्ति तब है जब हम समाज को बेहतर बनाने के लिए काम करें।”

“अगर मंदिर से भविष्य तय होता है, तो बिहार में 200 मंदिर बनवाइए”

खेसारी ने अपने बयान में व्यंग्य करते हुए कहा, “अगर मंदिर हमारे बच्चों का भविष्य तय करते हैं, तो मैं चाहूंगा कि आप बिहार में 200 मंदिर बनवाएं और दिखाइए कि आपने कितनों का भविष्य बना दिया। मंदिर बनाइए, लेकिन रोजगार भी दीजिए, ताकि बिहार का युवा बाहर न जाए।”

उन्होंने कहा कि जब लोग सरकार से विकास, रोज़गार या शिक्षा पर सवाल करते हैं, तो कुछ नेता उन्हें “मंदिर-मस्जिद” या “सनातन धर्म” की बहस में उलझा देते हैं। खेसारी बोले, “यह लोग जनता को भटका देते हैं। आप सवाल कीजिए, जवाब मांगिए। यही लोकतंत्र की असली ताकत है।”

“मैं किसी से नहीं डरता, जनता ही मेरी ताकत है”

राजद उम्मीदवार ने कहा कि उन्हें किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति से डर नहीं लगता। “मैं जो भी हूँ, जनता की वजह से हूँ। जनता ने मुझे बनाया है, और जनता ही मुझे राजनीति में लाई है। मैं उन्हीं की आवाज़ उठाने आया हूँ। अगर मैं गलत हूँ, तो जनता मुझे सबक सिखा देगी,” उन्होंने कहा।

बिहार में दो चरणों में मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने जा रहा है। पहले चरण का मतदान गुरुवार को होगा, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग इसके बाद निर्धारित है। चुनाव प्रचार मंगलवार शाम को समाप्त हो जाएगा। इस बार का मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा माना जा रहा है, जबकि कुछ सीटों पर जन सुराज और अन्य दलों के उम्मीदवार भी कड़ी चुनौती दे रहे हैं।

छपरा सीट से खेसारी लाल यादव ने हाल ही में राजद की सदस्यता ग्रहण की है और अब वे इस सीट से एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। उनके प्रचार अभियान में भारी भीड़ उमड़ रही है और वे लगातार बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं।

जनता के मुद्दों पर फोकस या भावनाओं पर राजनीति?

खेसारी लाल यादव के बयान ने एक बार फिर चुनावी बहस को जन मुद्दों और धार्मिक राजनीति के बीच खड़ा कर दिया है। जहां एनडीए राम मंदिर और आस्था को प्रमुख मुद्दा बना रही है, वहीं राजद और महागठबंधन रोज़गार और विकास को चुनावी केंद्र बना रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खेसारी का यह बयान युवाओं में असर डाल सकता है, खासकर उन मतदाताओं में जो रोजगार और शिक्षा की कमी से परेशान हैं। वहीं, एनडीए के समर्थक इसे खेसारी की ‘धर्म विरोधी राजनीति’ बताकर हमला कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर गर्म हुई बहस

खेसारी लाल यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर और फेसबुक पर लोग इसे लेकर विभाजित नज़र आ रहे हैं। कुछ लोग खेसारी की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने बेरोजगारी और शिक्षा जैसे असली मुद्दे उठाए हैं, वहीं कुछ यूजर्स का कहना है कि उन्हें चुनाव के ठीक पहले ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।

चुनावी मैदान में नया मोड़

खेसारी लाल यादव के उतरने से छपरा का चुनाव और भी रोचक हो गया है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी फैन फॉलोइंग रखने वाले खेसारी लाल अपने अभिनय के साथ-साथ अब अपनी बेबाक राजनीतिक शैली के लिए भी जाने जा रहे हैं। उनके बयान से साफ है कि वे जनता के मुद्दों पर सीधे प्रहार करने की रणनीति अपना रहे हैं।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले दो दिनों में यह बयान चुनावी समीकरणों पर असर डाल सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां युवा मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

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