हरियाणा के गुरुग्राम की एक अदालत ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने उनके बेटे और वरिष्ठ भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन रोशनी बिश्नोई, जीजा अनूप बिश्नोई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
मामला दो मृतकों के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर दो प्लॉट बेचने और करीब 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। अदालत ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को सख्त निर्देश दिए हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द कोर्ट में पेश किया जाए।
विषयसूची
मामला कैसे शुरू हुआ ?
इस केस की शिकायत प्लॉट मालिक सुनील के बेटे धर्मवीर ने दर्ज कराई थी । उनका आरोप है कि गुरुग्राम के पालम विहार में उनके पिता के नाम पर रहे प्लॉट को फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए बेच दिया गया । धर्मवीर ने पहले पुलिस में शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई । इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट के आदेश के बाद ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
मामले में कौन-कौन हैं आरोपी और क्या आरोप हैं ?
शिकायतकर्ता के वकील प्रवीण दहिया ने बताया कि धर्मवीर, कुलदीप बिश्नोई के जीजा अनूप बिश्नोई का चचेरा भाई है । वकील के अनुसार, 2016-2017 में पालम विहार के दो प्लॉट फर्जी तरीके से बेचे गए थे । एक प्लॉट की कीमत ₹2.42 करोड़ और दूसरा प्लॉट ₹1.59 करोड़ का था।
सौदों की रकम रोशनी बिश्नोई के बैंक खाते में आई थी
आरोप है कि इस सौदे को कराने वाले विकास बिश्नोई के पिता उस समय हरियाणा में डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू ऑफिसर (DRO) थे । जांच में पाया गया कि प्लॉट फर्जी डॉक्यूमेंट्स से बेचे गए थे, जिसके बाद पुलिस ने विकास बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया था।
‘राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई नहीं’
एडवोकेट दहिया का आरोप है कि यह पूरा मामला हरियाणा के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से जुड़ा है । इसी वजह से असल आरोपियों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि छोटे लोगों को फंसाकर जेल भेज दिया गया ।
अनूप बिश्नोई का बिजनेस नेटवर्क
अनूप बिश्नोई एक बड़े बिजनेसमैन हैं। उनके LinkedIn प्रोफाइल के अनुसार, वह Bisco Limited और Glosab Spirit Company के प्रमोटर हैं। Bisco Limited की स्थापना 1983 में हिसार में हुई थी। वकील का आरोप है कि इन्हीं कंपनियों से रोशनी बिश्नोई को ईमेल के जरिए फर्जी डॉक्यूमेंट भेजे गए, जिन्हें बाद में विकास बिश्नोई को सौंप दिया गया था ताकि प्लॉट बेचे जा सकें।
अदालत की कार्यवाही
यह केस ‘State vs Vikas Bishnoi & Others’ के नाम से गुरुग्राम की अदालत में चल रहा है। अदालत ने अनूप बिश्नोई, रोशनी बिश्नोई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और लुकआउट सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया । अदालत ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर और हरियाणा DGP को सख्त निर्देश दिए कि आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस दौरान अन्य आरोपी — विकास बिश्नोई, कृष्ण लाल, कीर्ता राम और सुभाष चंदर अरोड़ा — को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से पेश किया गया। इसके अलावा, सुदेश कुमार, चमन लाल अरोड़ा और नरेंद्र शर्मा फिलहाल जमानत पर हैं।
अदालत ने बचाव पक्ष के दो आवेदन भी स्वीकार किए
एक आवेदन गिरफ्तारी वारंट और लुकआउट नोटिस के लिए।
दूसरा आवेदन धारा 239 सहपठित धारा 216 CrPC के तहत डिस्चार्ज या आरोप संशोधन के लिए।
राज्य पक्ष को दोनों आवेदनों पर 11 दिसंबर 2025 तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है। अगली सुनवाई अब 11 दिसंबर 2025 को होगी।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

