पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं और जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं। एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए रोजगार, उद्योग और महिलाओं के सशक्तिकरण पर फोकस कर रहा है, वहीं तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला महागठबंधन युवाओं को सरकारी नौकरी और महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का भरोसा दे रहा है।
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एनडीए का संकल्प पत्र: रोजगार और विकास पर फोकस
एनडीए ने अपने घोषणा पत्र में रोजगार सृजन को केंद्र में रखा है। नीतीश कुमार पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि आने वाले पांच वर्षों में राज्य में 1 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी। इसके साथ ही हर जिले में मेगा स्किल सेंटर बनाने का वादा किया गया है, ताकि युवाओं को वैश्विक उद्योगों के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।
एनडीए ने औद्योगिक विकास के लिए हर जिले में 10 नए इंडस्ट्रियल पार्क और 100 एमएसएमई पार्क बनाने का वादा किया है। साथ ही 50,000 नए कुटीर उद्योग स्थापित करने की बात कही गई है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एनडीए ने “महिला रोजगार योजना” को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसके तहत 22 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और 1 करोड़ “लखपति दीदी” बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महिला उद्यमियों के लिए “मिशन करोड़पति” शुरू करने की घोषणा भी की गई है।
किसानों और गरीबों के लिए राहत के वादे
किसानों के लिए एनडीए ने “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये सालाना करने का वादा किया है। मछली पालन करने वाले किसानों की सहायता भी दोगुनी कर 9,000 रुपये की जाएगी।
घोषणापत्र में कहा गया है कि राज्य में सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी लागू की जाएगी और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में 9 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
गरीब परिवारों के लिए 50 लाख नए घर, मुफ्त राशन और हर परिवार को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की गई है। नीतीश सरकार ने पहले से 125 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना लागू कर रखी है, जिसे आगे जारी रखने का वादा किया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर एनडीए का जोर
एनडीए ने शिक्षा के क्षेत्र में भी कई घोषणाएं की हैं। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए हर संभाग में आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे, जबकि एससी-एसटी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 2,000 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EBC) के छात्रों को 10 लाख रुपये तक की सहायता और गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा देने की बात कही गई है। साथ ही राज्य के खास स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर जिले में मेडिकल सिटी और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया गया है। परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 7 नए एक्सप्रेसवे और 3,600 किलोमीटर नए रेल ट्रैक बनाए जाएंगे।
महागठबंधन का प्रण पत्र: युवाओं और महिलाओं पर फोकस
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र को “तेजस्वी के 10 प्रण” नाम दिया है। इसमें सबसे प्रमुख वादा “हर घर सरकारी नौकरी” का है। इसके साथ ही 2000 एकड़ में एक एजुकेशनल सिटी स्थापित करने और 12वीं तक के छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने की घोषणा की गई है।
महागठबंधन ने संविदा कर्मियों को स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने का भी ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने बिजली के क्षेत्र में बड़ा वादा करते हुए कहा है कि बिहार में हर घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी।
महिलाओं और पेंशन योजना में बड़ा ऐलान
महिलाओं के लिए “माई बहिन योजना” के तहत हर महीने 2500 रुपये देने की घोषणा की गई है। साथ ही जीविका दीदियों को पक्की नौकरी देने का वादा किया गया है। वृद्धा और विधवा पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये करने की भी बात कही गई है।
महागठबंधन का विकास विजन
तेजस्वी यादव ने अपने घोषणा पत्र में बिहार में पांच नए एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बताई है। इसके अलावा युवाओं के रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई इंडस्ट्रियल और एजुकेशनल नीतियां लागू करने की बात कही गई है।
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधन जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। एनडीए जहां उद्योग, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर फोकस कर रहा है, वहीं महागठबंधन युवाओं को सरकारी नौकरी और महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देने का दावा कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन वादों में किस पर भरोसा जताती है और किसे सत्ता की चाबी सौंपती है।
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