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जैसलमेर बस हादसा : जोधपुर पहुंचे मुख्यमंत्री, घायलों का जाना हाल, 24 घंटे निगरानी के निर्देश

राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। जोधपुर जा रही एक निजी बस वार म्यूजियम के पास अचानक आग का गोला बन गई। कुछ ही पलों में बस पूरी तरह लपटों में घिर गई और यात्री बाहर निकलने की कोशिश करते रहे। हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

एक ही परिवार खत्म

इस हादसे में सबसे दिल दहला देने वाला दृश्य महेन्द्र मेघवाल के परिवार का रहा। मूल रूप से जोधपुर के बालेसर के लावारान शेतरावा के रहने वाले महेन्द्र जैसलमेर के गोला-बारूद डिपो में कार्यरत थे और फिलहाल इंद्रा कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे थे। हादसे में महेन्द्र, उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा सभी की मौत हो गई। शवों की पहचान डीएनए जांच के बाद ही हो पाएगी।

मृतकों की संख्या हुई 20

प्रारंभिक जांच में मृतकों की संख्या 12 बताई जा रही थी, लेकिन समय के साथ यह बढ़कर 20 हो गई। बस में कुल 57 यात्री सवार थे। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि जांच के बाद की जाएगी।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, प्रशासन और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर परसराम, एएसपी कैलाशदान जुगतावत व अन्य अधिकारी राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने जाना घायलों का हाल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा घटना की सूचना मिलते ही पहले सेना क्षेत्र पहुंचे, फिर जोधपुर पहुंचकर अस्पताल में घायलों का हाल जाना। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए और पूरे घटनाक्रम की 24 घंटे निगरानी हो।

प्रधानमंत्री ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, “जैसलमेर में हुए हादसे से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की।

विपक्ष का सरकार पर निशाना

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हादसे में आंकड़े छुपाए जा रहे हैं और यह घटनाएं सिस्टम की विफलता को उजागर करती हैं।

घायलों को जोधपुर लाया गया

हादसे में घायल हुए 16 लोगों को 10 एंबुलेंस के जरिए जोधपुर लाया गया है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. बीएस जोधा के अनुसार, शवों को रखने के लिए डीप फ्रीजर भेजे जा रहे हैं। एक फ्रीजर में छह शव रखे जा सकते हैं।

संपर्क के लिए हेल्पलाइन

इस हादसे से जुड़ी किसी भी जानकारी या सहायता के लिए नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है –
📞 9414801400,
📞 8003101400,
📞 02992-252201,
📞 02992-255055

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