नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को दो साल पूरे हो गए हैं। 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई इस जंग ने हजारों जानें ली हैं और गाजा पट्टी को भारी नुकसान पहुंचाया है। अब, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई शांति योजना (गाजा पीस प्लान) पेश की है, जिसने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
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शर्म अल-शेख में शुरू हुई अप्रत्यक्ष वार्ता
मिस्र के रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में इजरायल और हमास के प्रतिनिधि गाजा युद्ध समाप्त करने के लिए अप्रत्यक्ष वार्ता कर रहे हैं। इसमें दोनों पक्षों द्वारा बंधकों की अदला-बदली, युद्धविराम की शर्तें और भविष्य की गवर्नेंस जैसी अहम बातें शामिल हैं।
क्या सफल होगी ट्रंप की गाजा शांति योजना?
डोनाल्ड ट्रंप की योजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है, लेकिन इसमें कई जटिलताएं भी हैं। योजना के तहत हमास को अपने सभी बंधकों (जिनमें मृत और जीवित दोनों शामिल हैं) को 72 घंटे के भीतर रिहा करना होगा, जबकि इज़राइल 250 आजीवन कारावास भुगत रहे कैदियों और हाल ही में हिरासत में लिए गए 1,700 लोगों को छोड़ने पर सहमत होगा।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की तैयारी
इस शांति योजना के तहत हमास के हथियार छोड़ने और गाजा में विदेशी निगरानी बल की तैनाती का प्रस्ताव है। इसके बाद गाजा का शासन अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में आ जाएगा, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की भूमिका अहम होगी।
हमास और इजरायल की शर्तें अलग
जहां इज़राइल चाहता है कि हमास पूरी तरह आत्मसमर्पण करे और निरस्त्र हो जाए, वहीं हमास गाजा में विदेशी शासन और सैन्य हस्तक्षेप को खारिज कर चुका है। हालांकि, वह बंधकों की रिहाई और गवर्नेंस में बदलाव पर चर्चा को तैयार है।
गाजा का भविष्य अब भी अनिश्चित
ट्रंप की योजना में गाजा में एक तटस्थ प्रशासन की बात कही गई है, जिसमें हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। लेकिन कई अहम मुद्दे अब भी स्पष्ट नहीं हैं, जैसे:
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हमास का निरस्त्रीकरण कैसे होगा?
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विदेशी सेनाएं गाजा में कैसे तैनात होंगी?
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इजरायल की “सुरक्षा परिधि” का क्या होगा?
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और सबसे बड़ा सवाल – क्या दोनों पक्ष इस योजना पर वास्तव में सहमत होंगे?
ट्रंप की गाजा शांति योजना ने उम्मीदें जरूर जगाई हैं, लेकिन इसमें मौजूद पेचिदगियों को देखते हुए अभी यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि यह योजना सफल होगी। गाजा का भविष्य और वहां की स्थिरता पूरी तरह इस पर निर्भर करेगी कि आने वाले दिनों में यह बातचीत किस दिशा में जाती है।
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