मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीते दिनों कफ सिरप पीने से 12 बच्चों की मौत हो गई। इनमें सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से सामने आए हैं। इस घटना के बाद पूरे देश में कफ सिरप को लेकर दहशत का माहौल है।
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राजस्थान सरकार की कार्रवाई
कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। जयपुर स्थित केसन्स फार्मा की 19 दवाओं पर रोक लगा दी गई है। राज्य के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि दवाइयों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मध्यप्रदेश सरकार का फैसला
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने भी सख्त कदम उठाते हुए कफ सिरप Coldrif की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस कंपनी की अन्य दवाओं की सप्लाई और उत्पादन को भी रोक दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो पिछले एक महीने में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 और राजस्थान के जयपुर में 3 बच्चों की मौत कफ सिरप की वजह से हुई है। हालांकि, अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन शुरुआती जांच में कफ सिरप की वजह से ही बच्चों की मौत होने की पुष्टि हुई है।
सरकार की एडवाइजरी
केंद्र और राज्य सरकारों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है।
डेक्स्ट्रोमेथोर्फन (Dextromethorphan) 4 साल से छोटे बच्चों को बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए।
यह दवा केवल 5 साल और उससे ऊपर के बच्चों को ही दी जा सकती है।
खासकर 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हाल में यह दवा न दी जाए।
घटिया दवाओं का लंबा रिकॉर्ड
जांच में यह भी सामने आया है कि जयपुर की केसन्स फार्मा की दवाओं का साल 2012 से अब तक 10,119 बार परीक्षण किया गया है। इनमें से 42 सैंपल फेल पाए गए हैं। यही कारण है कि सरकार ने एहतियातन इस कंपनी की सभी 19 दवाओं की सप्लाई और उत्पादन पर फिलहाल पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
केसन्स फार्मा की 19 दवाओं पर रोक
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