पर्यावरणविद और शिक्षाविद सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने पति की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने वांगचुक की तुरंत रिहाई की मांग करते हुए 2 अक्टूबर को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। फिलहाल वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कदम लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद उठाया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया। इस हिंसा से जुड़े मामलों में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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सोनम की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है
गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता और लेह के जिला कलेक्टर से भी अपील की थी। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र लिखकर उसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनके पति को “देशद्रोही” और “जासूस” के तौर पर पेश कर रही है। गीतांजलि का कहना है कि उन्होंने CBI और आयकर विभाग समेत सभी जांच एजेंसियों को जरूरी दस्तावेज दिए हैं, फिर भी सोनम की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है ताकि छठी अनुसूची की मांग कमजोर पड़े।
सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा पर भी सवाल
पुलिस ने सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा पर भी सवाल उठाए थे। इस पर गीतांजलि ने सफाई दी कि सोनम ने फरवरी में संयुक्त राष्ट्र और डॉन मीडिया द्वारा आयोजित एक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि उस सम्मेलन में सोनम ने प्रधानमंत्री मोदी की “मिशन लाइफ” पहल की सराहना की थी, इसलिए इसमें आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है। लद्दाख में हालात को देखते हुए प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में हाल ही में कुछ घंटों के लिए ढील दी, जिससे लोगों को आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति मिल सकी।
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