लेह: लद्दाख की राजधानी लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद सरकार ने सख्ती दिखाई है। जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक पर लगाए गए आरोपों की विस्तृत जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है। गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके संगठन, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था। मंत्रालय के अनुसार, संगठन के खातों में कथित वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थीं, जिसमें स्वीडन से धन अंतरण भी शामिल था, और इसे राष्ट्रीय हित के खिलाफ माना गया।
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हिंसा और प्रशासनिक कार्रवाई
लेह में हिंसा तब भड़क उठी जब केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हुए। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के प्रदर्शन के दौरान करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पूरे शहर में कर्फ्यू लागू किया और स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा।
वांगचुक की भूख हड़ताल पर असर
हिंसा के कारण सोनम वांगचुक को अपनी पखवाड़े भर से चल रही भूख हड़ताल रोकनी पड़ी। उन्होंने हिंसा की निंदा की और कहा कि यह लद्दाख के लिए दुखद दिन है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों से जो शांतिपूर्ण रास्ता अपनाया गया था, वह अब खतरे में है। इसके साथ ही जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोनक ने अगले दो दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश जारी किया।
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