डेस्क। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने से बच्चों में ऑटिज्म और ADHD का खतरा बढ़ सकता है। यह बयान सुनते ही दुनियाभर में बहस छिड़ गई, क्योंकि पैरासिटामोल एक बेहद आम और सुरक्षित दवा मानी जाती है।
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पैरासिटामोल क्या है?
पैरासिटामोल एक पेन रिलीवर और बुखार कम करने वाली दवा है। यह गर्भवती महिलाओं को भी हल्के बुखार या दर्द में दी जाती है। भारत में इसे क्रोसिन, डोलो, कैलपोल जैसे नामों से ओवर-द-काउंटर खरीदा जा सकता है।
ट्रंप का दावा
ट्रंप ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल के इस्तेमाल से बच्चों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने इसे ऑटिज्म और ADHD से जोड़ा और FDA से चेतावनी जारी करने की मांग की।
मेडिकल रिसर्च क्या कहती है?
कुछ पुराने शोधों में पाया गया कि लंबे समय तक पैरासिटामोल लेने से न्यूरोडेवलपमेंट पर असर हो सकता है। लेकिन ये शोध पूरी तरह निर्णायक नहीं हैं, यानी कारण और परिणाम का सीधा संबंध अभी साबित नहीं हुआ है। Harvard और Mayo Clinic का कहना है कि सीमित मात्रा में पैरासिटामोल लेना सुरक्षित है।
WHO और FDA का स्टैंड
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WHO: पैरासिटामोल प्रेग्नेंसी में सुरक्षित माना जाता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से लेना जरूरी है।
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FDA: अब तक कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है कि पैरासिटामोल से ऑटिज्म होता है। कोई वैज्ञानिक प्रमाण ट्रंप के दावे को पूरी तरह सही नहीं ठहराता।
पैरासिटामोल पर ट्रंप का बयान चर्चा में है, लेकिन मेडिकल साइंस इसे पूरी तरह खारिज करता है। जब तक ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं आता, डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल लेना सुरक्षित है। डर की बजाय समझदारी से दवा का इस्तेमाल करना ही सही है।
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