रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के समय में आत्मनिर्भरता केवल विकल्प नहीं, बल्कि “सर्वाइवल और प्रोग्रेस” की सबसे अहम शर्त है । रक्षा मंत्री शनिवार को एनडीटीवी द्वारा आयोजित डिफेंस समिट में बोल रहे थे। उन्होंने भारत की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और बदलती वैश्विक चुनौतियों पर विस्तार से बात की।
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ऑपरेशन सिंदूर और चुनौतियां
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने इस मिशन में अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में इस समय संघर्ष के हालात बने हुए हैं । यहां तक कि व्यापार (Trade War) के मोर्चे पर भी हालात अच्छे नहीं हैं । ऐसे में भारत का आत्मनिर्भर बनना समय की मांग है। रक्षा मंत्री ने कहा हमें इतिहास से सीखने जरूरत है क्योंकि पुरानी चुनौतियों से सबक लेकर हम नई चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं। वक्त बीतने के साथ पुरानी समस्याएं छोटी लगने लगती हैं, लेकिन हर दौर की अपनी बड़ी चुनौतियां होती हैं।
आत्मनिर्भर भारत ही भविष्य
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने पूरी दुनिया को हिला दिया था । उस समय लॉकडाउन, संघर्ष और टेक्नोलॉजी की अचानक बढ़ती भूमिका ने सब कुछ बदलकर रख दिया । इंटरनेट, AI और स्पेस साइंस जैसी तकनीकें अब जीवन का अहम हिस्सा बन गई हैं । उन्होंने कहा –”यह 21 वीं सदी हमारे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है । इसलिए आत्मनिर्भर होना अब मजबूरी नहीं, बल्कि ज़रूरत है । यही हमारी प्रगति और सुरक्षा की कुंजी है।” राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भरता भारत को न सिर्फ मजबूत बनाएगी, बल्कि दुनिया की उभरती शक्तियों में अग्रणी स्थान दिलाएगी । यही दृष्टिकोण सरकार के हर फैसले में झलकता है।
अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पर संदेश
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उस बात को दोहराया कि भारत अपने सिद्धांतों और मूल्यों से कभी समझौता नहीं करेगा । अंतरराष्ट्रीय संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा –
“No permanent friends, no permanent enemies, only permanent interests.” देशों के बीच न तो किसी से स्थायी दोस्ती होती है और न ही किसी से स्थायी दुश्मनी हैं केवल हित ही स्थायी होते हैं ।
अमेरिका को स्पष्ट संदेश
रक्षा मंत्री ने अमेरिका समेत दुनिया को संदेश दिया कि भारत किसी को भी दुश्मन नहीं मानता, लेकिन अपने नागरिकों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा । चाहे किसान हों, छोटे व्यापारी हों या आम नागरिक उनके हितों को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देता है । उन्होंने कहा, “जितना दबाव भारत पर डाला जाएगा, भारत उतनी ही मजबूत चट्टान बनकर सामने आएगा।”
रक्षा क्षेत्र में सुधार
राजनाथ सिंह ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि लंबे समय तक यह भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करती रही, लेकिन धीरे-धीरे यह औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक बन गई। सत्ता में आने के बाद सरकार ने इस ढांचे में बड़े बदलाव किए और रक्षा क्षेत्र को नए दौर की जरूरतों के अनुरूप बनाने पर जोर दिया।
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