Cloudburst in Tharali Uttarakhand , उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। यह घटना रात लगभग 12:30 से 1 बजे के बीच हुई। अचानक आई इस आपदा का असर आसपास के कई गांवों पर पड़ा, जिनमें सबसे अधिक नुकसान सागवाड़ा और चेपड़ों गांव को हुआ है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, थराली तहसील मुख्यालय के एक किलोमीटर के दायरे में जगह-जगह मलबा और पानी भर गया क्योंकि स्थानीय नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इस घटना में चेपड़ों गांव का एक व्यक्ति लापता है, वहीं सागवाड़ा गांव में मलबा गिरने से एक लड़की दब गई।
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प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा
Cloudburst बादल फटने से दोनों गांवों में 70 से 80 घरों में करीब दो फीट तक मलबा घुस गया है। कई दुकानों और बाजारों को भी नुकसान पहुंचा है, जबकि गांवों में खड़ी गाड़ियां भी मलबे और पानी की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसी बीच, थराली को जोड़ने वाला कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे मिंग गधेरा के पास मलबा आने से बंद हो गया है। इससे इलाके का सड़क संपर्क बाधित हो गया है और लोगों की आवाजाही रुक गई है।
19 राज्यों में बारिश का यलो अलर्ट
उधर, मौसम विभाग ने शनिवार को 19 राज्यों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, जहां मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं राजस्थान के कई जिलों (चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा) में भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए शनिवार को स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।
हिमाचल प्रदेश में भी हालात गंभीर हैं। मौसम विभाग ने 23 से 26 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य की स्थिति बिगड़ रही है। अभी तक 347 सड़कें (जिसमें नेशनल हाईवे-305 भी शामिल) बंद हैं। वहीं, 20 जून से मानसून शुरू होने के बाद से हिमाचल में अब तक 295 लोगों की मौत हो चुकी है।
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