नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका को कड़ा जवाब देने की तैयारी कर ली है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय स्टील, एल्युमिनियम और उससे जुड़े उत्पादों पर 50% तक आयात शुल्क लगाने के बाद अब भारत भी पलटवार की योजना बना रहा है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कुछ चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर उसी अनुपात में टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है, जितना नुकसान भारतीय निर्यातकों को पहुंचा है। अगर यह कदम लागू हुआ, तो यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ भारत की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया होगी।
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विवाद की शुरुआत
यह मामला फरवरी में शुरू हुआ, जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगाया। बाद में इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया, जिससे लगभग 7.6 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर पड़ा। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में आपत्ति दर्ज कराई और दलील दी कि अमेरिका की यह कार्रवाई ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के नाम पर लगाई गई सेफगार्ड ड्यूटी है, जो WTO के नियमों के खिलाफ है। अमेरिका ने इस मुद्दे पर बातचीत से इनकार कर दिया, जिसके बाद भारत ने कानूनी तरीके से जवाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।
किन वस्तुओं पर लग सकता है टैरिफ
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जवाबी टैरिफ कुछ सीमित अमेरिकी उत्पादों पर लगाया जाएगा। इन वस्तुओं का चयन इस तरह होगा कि टैरिफ से मिलने वाली अतिरिक्त राशि, भारतीय निर्यातकों को हुए नुकसान के बराबर हो। अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका एक ओर द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बात करता है, वहीं दूसरी ओर भारतीय आर्थिक हितों के खिलाफ कदम उठा रहा है, जिसका जवाब देना जरूरी है।
व्यापार पर संभावित असर
भारत को अमेरिका हर साल 45 अरब डॉलर से अधिक का सामान बेचता है, जबकि भारत का अमेरिका को निर्यात टैरिफ बढ़ने से पहले करीब 86 अरब डॉलर था। टैरिफ युद्ध बढ़ने से व्यापार घाटे में बदलाव हो सकता है और दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कृषि और संवेदनशील क्षेत्रों में अमेरिकी मांग को भारत ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद वार्ता ठप हो गई।
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