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सिहोरा में सोने की दस्तक: GSI की शुरुआती पुष्टि, लेकिन खदान बनने में अभी वक्त

जबलपुर। जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के बेला और बिनैका गांव के बीच की जमीन में सोने जैसे खनिज के कण मिलने की जानकारी सामने आई है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम यहां लंबे समय से मिट्टी और पत्थरों के सैंपल इकट्ठा कर उनकी जांच कर रही थी। शुरुआती रिपोर्ट में सोने के अंश मिलने की पुष्टि हुई है, लेकिन इसे खदान घोषित करने में अभी समय लगेगा।

क्या मिला और आगे की प्रक्रिया

जांच में जो सैंपल मिले हैं, उनमें सोने जैसे धातु के कण मौजूद हैं। अब यह जांचा जाएगा कि यह भंडार कितना बड़ा है और आर्थिक दृष्टि से खनन संभव है या नहीं। GSI के डायरेक्टर जनरल असित साहा का कहना है कि अभी शुरुआती चरण की जानकारी है, इसलिए जल्दबाजी में खदान की घोषणा करना उचित नहीं होगा।

गांव में उत्साह
गांव में यह खबर फैलते ही लोगों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय सरपंच रामराज पटेल ने बताया कि अगर यहां खनन शुरू होता है, तो लोगों को रोजगार मिलेगा और बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था में सुधार होगा।

क्यों जरूरी है सतर्कता
विशेषज्ञों का कहना है कि खनन तभी शुरू किया जा सकता है जब सोने की मात्रा इतनी हो कि लागत निकालने के बाद भी मुनाफा हो सके। अगर मात्रा कम हुई तो परियोजना को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। इसलिए वैज्ञानिकों की टीम और गहराई से रिसर्च कर रही है।

GSI के अन्य प्रोजेक्ट
मध्यप्रदेश में इस समय GSI की कई परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें जबलपुर का यह इलाका भी शामिल है। यह क्षेत्र पहले से ही खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि यहां बड़े पैमाने पर सोने का खनन होगा या नहीं।

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