🕒 Published 1 week ago (10:56 AM)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को ब्रिटेन दौरा पूरा करने के बाद जब मालदीव पहुंचे, तो वहां का नज़ारा बेहद खास था। राजधानी माले के एयरपोर्ट पर खुद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने पहुंचे। उनके साथ देश के कई वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद रहे, जिनमें विदेश, रक्षा, वित्त और गृह मंत्री शामिल थे। यह भव्य स्वागत समारोह इस बात का संकेत था कि भारत और मालदीव के रिश्तों में अब फिर से गर्मजोशी लौट आई है।
चीन-पाकिस्तान की उम्मीदों पर फिरा पानी
पीएम मोदी के इस दौरे ने भारत की कूटनीतिक सफलता को दर्शाया है। राष्ट्रपति मुइज्जू, जिन्होंने चुनाव के समय भारत के खिलाफ तीखा रुख अपनाया था, अब स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में पूरी कैबिनेट के साथ खड़े दिखाई दिए। यही वो दृश्य है जो पाकिस्तान और चीन को असहज कर सकता है।
भारत-विरोध से भारत-मित्रता की ओर मुइज्जू का बदलाव
राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू का झुकाव शुरू में चीन की ओर रहा। उन्होंने भारत को मालदीव से बाहर करने जैसे बयान दिए थे। लेकिन समय के साथ भारत की रणनीति ने माले की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया और चीन के कर्ज जाल की सच्चाई भी मुइज्जू के सामने आई। तब उन्होंने भारत के साथ फिर से संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
भारत की मदद ने बदली तस्वीर
हाल ही में जब मालदीव में एक बड़ी आपदा आई, तब भारत ने त्वरित मानवीय सहायता पहुंचाई। इससे मालदीव को यह समझ में आ गया कि उसका सच्चा सहयोगी भारत ही है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होने लगे। पीएम मोदी की इस यात्रा को इसी सिलसिले की अगली कड़ी माना जा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष आमंत्रण
मालदीव इस वर्ष 26 जुलाई को अपनी स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। यह आमंत्रण भी इस बात की पुष्टि करता है कि अब दोनों देशों के बीच नई शुरुआत हो चुकी है।