🕒 Published 2 weeks ago (10:09 PM)
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रपति द्वारा इस्तीफे को स्वीकार करने और उसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी तेजी से शुरू हो चुकी है।
जल्द जारी होगी चुनाव की अधिसूचना
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के रिक्त होते ही आयोग को चुनाव कराने की संवैधानिक जिम्मेदारी निभानी होती है। संभावना है कि अगले कुछ दिनों में चुनाव आयोग उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
इस चुनाव की प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव जैसी होती है, जिसमें नामांकन दाखिल करने की तारीख से लेकर नामांकन पत्रों की जांच, नाम वापसी की प्रक्रिया शामिल होती है। अगर एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में होते हैं तो मतदान कराया जाता है और फिर मतगणना कर विजेता की घोषणा की जाती है।
कौन डालते हैं वोट?
उपराष्ट्रपति के चुनाव में देश की जनता मतदान नहीं करती, बल्कि लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य वोट डालते हैं। यह एक अप्रत्यक्ष चुनाव होता है, जो पूर्णत: संसद सदस्यों द्वारा किया जाता है।
संविधान में क्या है व्यवस्था?
संविधान के अनुसार, यदि उपराष्ट्रपति का पद इस्तीफे या अन्य कारणों से रिक्त हो जाता है, तो उस स्थिति में जल्द से जल्द चुनाव कराना जरूरी होता है। वहीं यदि कार्यकाल पूरा हो रहा हो, तो कार्यकाल समाप्त होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यता
कोई भी भारतीय नागरिक जो कम से कम 35 वर्ष का हो और जो राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो, वह उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हो सकता है।
नामांकन प्रक्रिया और शर्तें
किसी भी व्यक्ति को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने के लिए कम से कम 20 सांसदों का प्रस्तावक और 20 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। इसके साथ ही नामांकन पत्र के साथ 15 हजार रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है।
कौन हो सकता है अगला उपराष्ट्रपति?
हालांकि अभी किसी राजनीतिक दल ने औपचारिक रूप से नामों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में विभिन्न पार्टियों द्वारा संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन किया जाएगा।
राजनीतिक समीकरणों पर सबकी नजर
धनखड़ के इस्तीफे के बाद नया उपराष्ट्रपति चुनना न केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया है, बल्कि यह राजनीतिक समीकरणों और गठजोड़ों की परीक्षा भी होगी। देखना होगा कि सत्तारूढ़ दल किस चेहरे को मैदान में उतारता है और विपक्ष की क्या रणनीति होती है।