🕒 Published 2 weeks ago (2:41 PM)
नई दिल्ली:भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने एक बार फिर अपनी सख्त स्थिति साफ कर दी है। रिपोर्टों के अनुसार, BCCI ने साफ कर दिया है कि अगर एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) की आगामी बैठक बांग्लादेश की राजधानी ढाका में होती है, तो भारत इस मीटिंग का हिस्सा नहीं बनेगा। बोर्ड ने न सिर्फ इस बारे में आधिकारिक सूचना एसीसी को भेजी है, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) प्रमुख मोहसिन नकवी को भी इससे अवगत करा दिया गया है।
ढाका में बैठक पर आपत्ति, वैकल्पिक स्थान की मांग
BCCI का मानना है कि मौजूदा राजनीतिक हालात के चलते ढाका में बैठक में भाग लेना संभव नहीं है। इसी कारण बोर्ड ने बैठक का स्थान बदलने की मांग की थी, लेकिन अब तक एसीसी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सूत्रों के मुताबिक, श्रीलंका, ओमान और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी भारत की चिंता को साझा करते हुए इसी तरह की आपत्ति दर्ज कराई है। ऐसे में बैठक के स्थान को लेकर एक बड़ा गतिरोध बन गया है।
प्रमुख बोर्डों की गैरहाजिरी से निर्णय हो सकते हैं अवैध
एशियाई क्रिकेट परिषद के नियमों के अनुसार, यदि इस बैठक में बड़े सदस्य बोर्ड भाग नहीं लेते, तो वहां लिए गए फैसले वैध नहीं माने जाएंगे। यह स्थिति एसीसी की विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर सकती है।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान इस बैठक के माध्यम से भारत पर आगामी एशिया कप को लेकर दबाव बनाना चाहता है।
एशिया कप पर बना अनिश्चितता का माहौल
बैठक के लिए केवल पांच दिन शेष हैं और अब तक स्थान परिवर्तन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। एक सूत्र ने ANI से कहा, “अगर बैठक ढाका में होती है, तो भारत सहित कई देश इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। और ऐसी स्थिति में टूर्नामेंट का भविष्य अधर में पड़ जाएगा।”
यह पहला मौका नहीं है जब राजनीतिक कारणों से BCCI ने कोई कड़ा रुख अपनाया हो। इससे पहले भी भारत ने एशिया कप 2023 के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था। उस समय श्रीलंका को न्यूट्रल वेन्यू के तौर पर चुना गया था।
भारत-पाकिस्तान रिश्तों में बढ़ा तनाव
हाल ही में हुए पहलगाम हमले और उसके जवाब में चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और खटास आ गई है। ऐसे में ढाका जैसी जगह पर भारत की भागीदारी की संभावना पहले से ही बेहद कम मानी जा रही थी।
अब देखना यह होगा कि एसीसी इस दबाव के बीच बैठक के स्थान को लेकर क्या निर्णय लेती है। फिलहाल तो एशिया कप के आयोजन पर ही सवाल खड़े हो चुके हैं।