तेजस Mk-1A की डिलीवरी को मिला नया मोमेंटम, इस साल के अंत तक बनेंगे 12 स्वदेशी लड़ाकू विमान

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By Hindustan Uday

🕒 Published 3 weeks ago (10:34 PM)

देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A की आपूर्ति प्रक्रिया ने अब रफ्तार पकड़ ली है। अमेरिकी कंपनी GE Aerospace ने भारत को जेट इंजन भेजने शुरू कर दिए हैं, जिससे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को निर्माण कार्य में गति मिली है। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2025 तक कुल 12 तेजस Mk-1A विमान बनकर तैयार हो जाएंगे, जिनमें से 6 पहले ही असेंबली लाइन में शामिल हो चुके हैं।

GE Aerospace ने भेजे इंजन

हाल ही में GE Aerospace ने दूसरा F404 इंजन भारत को भेजा है, जिसे अब बेंगलुरु स्थित HAL प्लांट में स्थापित किया जाएगा। HAL ने अगस्त 2021 में GE से 5,375 करोड़ रुपये में 99 इंजनों का ऑर्डर दिया था। हालांकि, पहले इंजन की डिलीवरी लगभग 18 महीने की देरी से इस वर्ष अप्रैल में हुई। अब कंपनी ने वादा किया है कि साल के अंत तक 10 इंजन भारत को सौंपे जाएंगे।

भारतीय वायुसेना की जरूरतों को करेगा पूरा

तेजस Mk-1A की डिलीवरी का समय पर होना बेहद जरूरी है क्योंकि भारतीय वायुसेना ने पुराने MiG-21 स्क्वाड्रनों को सेवानिवृत्त कर दिया है और आने वाले वर्षों में अन्य पुराने फाइटर जेट्स को भी चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। Mk-1A की तेजी से डिलीवरी से स्क्वाड्रन संख्या में आई कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

HAL की निर्माण योजना

HAL सूत्रों के अनुसार, एक इंजन को विमान में स्थापित करने और परीक्षण प्रक्रिया में लगभग एक महीना लगता है। पहले विमान का ढांचा तैयार होता है, फिर पाइपिंग, वायरिंग और लैंडिंग गियर लगते हैं, जिसके बाद इंजन की फिटिंग होती है। इसके बाद ग्राउंड रन और हाई-स्पीड रन टेस्ट किए जाते हैं।

डिलीवरी में हो चुकी है देरी

तेजस Mk-1A की डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन GE की ओर से इंजन की आपूर्ति में हुई देरी के कारण इस परियोजना में लगभग एक साल का विलंब हो गया। HAL के चेयरमैन डी के सुनील ने भी इस देरी के लिए इंजन सप्लाई में आई बाधा को जिम्मेदार बताया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी डिलीवरी में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की थी।

2030 तक पूरी होनी हैं डिलीवरी

अगर इंजन की आपूर्ति अब समय पर होती रही तो HAL अगले साल यानी 2026 में 16 तेजस विमान तैयार कर सकेगा। योजना के मुताबिक हर साल 16 फाइटर जेट तैयार करके 2030 तक सभी डिलीवरी पूरी कर दी जाएंगी।

तेजस Mk-1A में महत्वपूर्ण तकनीकी सुधार

Mk-1A वर्जन में पहले के मुकाबले कई अहम सुधार किए गए हैं। इनमें AESA रडार, आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें शामिल हैं। इस वर्जन में Derby के साथ-साथ स्वदेशी ASTRA मिसाइल की क्षमता भी जोड़ी गई है। ASTRA की टेस्टिंग अभी चल रही है।

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव से तेजस के इंजनों की आपूर्ति में तेजी लाने की मांग भी की थी, ताकि प्रोजेक्ट की समयसीमा पर असर न पड़े।

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