नई दिल्ली | 14 जुलाई देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को तीन अहम पदों पर नई नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है। जिन नियुक्तियों को मंजूरी मिली है हरियाणा और गोवा के राज्यपालों के अलावा लद्दाख के उपराज्यपाल का नाम भी शामिल है। ये फैसले देश के संवैधानिक ढांचे को और मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
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असीम घोष को मिली हरियाणा की ज़िम्मेदारी
हरियाणा के राज्यपाल के तौर पर प्रोफेसर असीम कुमार घोष को नियुक्त किया गया है। शिक्षा और नीति शोध के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखने वाले घोष अब हरियाणा के संवैधानिक प्रमुख की भूमिका निभाएंगे। यह नियुक्ति राज्य की प्रशासनिक दिशा में नई ऊर्जा लाने की दृष्टि से देखी जा रही है।
अशोक गजपति राजू होंगे गोवा के नए राज्यपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ राजनेता पुष्पपति अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। विमानन मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान गजपति राजू ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों में भूमिका निभाई थी। अब गोवा जैसे महत्वपूर्ण राज्य में उनकी भूमिका विकास के नजरिए से अहम मानी जा रही है।

लद्दाख को मिला नया उपराज्यपाल – कविंदर गुप्ता
लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को नियुक्त किया गया है। वे जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। मौजूदा उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जिसके बाद यह बदलाव किया गया है।

कार्यभार संभालने के बाद लागू होंगी नियुक्तियाँ
राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि यह सभी नियुक्तियाँ तभी से प्रभावी मानी जाएंगी जब संबंधित व्यक्ति अपना पदभार ग्रहण कर लेंगे। यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।
राज्यसभा में भी हुआ बड़ा बदलाव
इन नियुक्तियों से एक दिन पहले राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार नई हस्तियों को नामांकित किया था। इनमें पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और समाजसेवी सदानंदन मास्टर शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश के संवैधानिक और विधायी ढांचे को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है।
निष्कर्ष:
ये जो नियुक्तियों की गई है इनको सिर्फ प्रतीकात्मक बदलाव के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह स्पष्ट संकेत हैं कि केंद्र सरकार प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक संतुलन को राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने की दिशा में गंभीर है। असीम घोष, अशोक गजपति राजू और कविंदर गुप्ता जैसे व्यक्तित्वों का अनुभव आने वाले दिनों में संबंधित क्षेत्रों की नीतियों और विकास में सकारात्मक योगदान दे सकता है।


