नई दिल्ली , भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने अजरबैजान के साथ 2 बिलियन डॉलर (करीब 17,000 करोड़ रुपये) का आर्थिक सहयोग समझौता किया है। इस समझौते का मकसद पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था संभालने के साथ निवेश के रास्ते खोलना भी है । लेकिन यह डील Diplomatic challenge for India? है।
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कहां हुआ समझौता?
दोनों देशों के बीच अहम समझौता अजरबैजान में आयोजित ECO (Economic Cooperation Organization) शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ । इस मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आर्थिक साझेदारी को नया आयाम देने का निर्णय लिया ।
क्या मिलेगा इस समझौते से?
यह आर्थिक सहयोग पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव जल्द पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर भी जाएंगे, जिसमें इस समझौते से जुड़ी कई और डील्स फाइनल की जा सकती हैं।
भारत क्यों रखेगा नजर?Diplomatic challenge for India?
पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच हुआ समझौता भारत की रणनीतिक चिंताओं को बढ़ा सकता है क्योंकि अजरबैजान का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब भारत काकेशस क्षेत्र में ऊर्जा सहयोग और भू-राजनीतिक संतुलन की दिशा में सक्रिय है। पाकिस्तान को आर्थिक मदद देना क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव की ओर संकेत करता है। पहले से ही अजरबैजान और तुर्की की बढ़ती नजदीकियां भारत के लिए चिंता का विषय रही हैं, और अब अजरबैजान का पाकिस्तान के साथ यह गठजोड़ कई राजनयिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। इस समझौते से पाकिस्तान को न केवल त्वरित वित्तीय राहत तो मिलेगी ही, साथ ही यह अजरबैजान को दक्षिण एशियाई बाजारों में एक नई रणनीतिक पहुंच भी प्रदान करेगा। आने वाले दिनों में भारत इस डील पर बारीकी से नजर रखेगा, खासकर जब राष्ट्रपति अलीयेव की पाकिस्तान यात्रा और नए निवेश प्रस्ताव सामने आएंगे।
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