🕒 Published 1 month ago (3:08 PM)
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मां दुर्गा के एक मंदिर पर हुए हमले को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चरमपंथियों द्वारा मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा है कि हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है, और वह इससे मुंह नहीं मोड़ सकती।
दुर्गा मंदिर पर हमले को लेकर भारत ने जताई नाराजगी
विदेश मंत्रालय ने ढाका के खिलखेत इलाके में मां दुर्गा के मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि बांग्लादेश में लगातार हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाना चिंता का विषय है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि चरमपंथी मंदिर गिराने की मांग कर रहे थे। लेकिन बांग्लादेश सरकार ने न सिर्फ मंदिर को सुरक्षा देने से इनकार किया, बल्कि उल्टा यह कह दिया कि मंदिर अवैध जमीन पर बना है।
उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने आज मंदिर को गिराने की आधिकारिक अनुमति दे दी, जिससे मूर्तियों को हटाने से पहले ही उन्हें नुकसान पहुंचा। भारत ने इस स्थिति पर गहरी निराशा जताई है और कहा है कि यह पहली बार नहीं है, जब बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थल निशाने पर आए हों।
अंतरिम सरकार की भूमिका पर सवाल
भारत का कहना है कि अंतरिम सरकार ने सुरक्षा देने के बजाय मामले का रुख मोड़ने की कोशिश की, जो कि बेहद गंभीर चिंता का विषय है। जायसवाल ने कहा, “यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह न केवल अल्पसंख्यकों की रक्षा करे, बल्कि उनके पूजा स्थलों, संपत्ति और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करे।”
भारत ने गंगा जल संधि और द्विपक्षीय बातचीत का भी उठाया मुद्दा
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, बांग्लादेश के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी माहौल में सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। यह टिप्पणी तब आई जब उनसे गंगा जल संधि के संभावित नवीनीकरण को लेकर सवाल पूछा गया।
उन्होंने कहा कि भारत ने कई बार बांग्लादेशी पक्ष के साथ इन मुद्दों को उठाया है, जिनमें वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठकें भी शामिल हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है।
भारत ने की आम नागरिकों की सुरक्षा की अपील
भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि बांग्लादेश सरकार को हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, उनकी धार्मिक पहचान और संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करनी होगी। साथ ही यह भी याद दिलाया कि भारत हमेशा एक ऐसे बांग्लादेश का समर्थन करता है जो समावेशी, बहुलवादी और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित हो।