🕒 Published 1 month ago (7:32 AM)
रायपुर: देश को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रायपुर में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP), अतिरिक्त महानिदेशक (ADGP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
नक्सलियों को दी दो टूक चेतावनी
बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार मानसून के दौरान भी नक्सलियों को चैन की नींद नसीब नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों का अभियान वर्षा ऋतु में भी पूरी ताकत के साथ जारी रहेगा। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डालकर सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ लें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।
छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यशैली की सराहना
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार ने नक्सल रोधी अभियानों को न केवल फिर से गति दी है, बल्कि उसे अधिक प्रभावी भी बनाया है। उन्होंने इसे राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
2026 तक नक्सलमुक्त भारत का लक्ष्य
गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि 31 मार्च 2026 तक भारत को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की वीरता और खुफिया एजेंसियों की रणनीतिक सफलता से यह लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल होगा।
सरेंडर करने वालों को मिलेगा वादा से अधिक सहयोग
शाह ने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें सरकार द्वारा किए गए सभी वादे पूरे किए जाएंगे। साथ ही, सरकार की ओर से उन्हें अतिरिक्त सहायता देने की भी कोशिश की जाएगी। उन्होंने इसे विकास की मुख्यधारा में लौटने का बेहतरीन अवसर बताया।
यह बैठक नक्सल प्रभावित राज्यों के बीच आपसी समन्वय और कार्रवाई की रणनीति को और मजबूत बनाने के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है।