🕒 Published 5 days ago (11:11 AM)
Home Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार केवल एक प्रवेश द्वार नहीं बल्कि “ऊर्जा का प्रवेश द्वार” होता है। यही कारण है कि इसके आसपास की स्वच्छता और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी माना गया है। अक्सर लोग घर में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल वहीं बाहर उतार देते हैं, लेकिन यह आदत वास्तु के लिहाज से अशुभ मानी जाती है।
मुख्य द्वार के पास जूते-चप्पल रखना क्यों है अशुभ?
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, मुख्य द्वार के सामने या ठीक बाहर जूते-चप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। यह मां लक्ष्मी का अपमान माना जाता है और इससे परिवार में तनाव, आर्थिक तंगी और मानसिक अशांति बढ़ सकती है।
जूते-चप्पलों के लिए सही दिशा क्या हो?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, जूते-चप्पल रखने का सबसे उचित स्थान दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। साथ ही जूता-रैक को ढका हुआ और साफ-सुथरा रखें। खुले में गंदे जूते-चप्पल रखने से घर में रोग, कलह और अशुभ ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
भारतीय परंपरा में शिष्टाचार का हिस्सा है जूते उतारना
भारतीय संस्कृति में घर में प्रवेश से पहले जूते-चप्पल उतारने की परंपरा न सिर्फ स्वच्छता से जुड़ी है, बल्कि ऊर्जा संतुलन के लिए भी जरूरी मानी जाती है। यह आदत घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखने में मदद करती है।
मुख्य द्वार को ऐसे बनाएं शुभ
मुख्य द्वार को हमेशा स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सुगंधित रखें। द्वार पर शुभ प्रतीकों जैसे स्वस्तिक, ॐ, मंगल कलश आदि लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।