मुंबई। टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर ठग भी अपने हथकंडे लगातार बदल रहे हैं। हाल ही में मुंबई पुलिस ने एक ऐसे डिजिटल फ्रॉड मामले का खुलासा किया है जिसमें स्कैमर्स ने एक वरिष्ठ नागरिक को ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर ली। साइबर सेल की जांच में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.29 करोड़ रुपये की रकम जब्त कर ली है।
कैसे हुआ था धोखाधड़ी का मामला
मुंबई पुलिस के अनुसार, 4 जून 2025 को 73 वर्षीय एक डॉक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता को कुछ अज्ञात लोगों ने कॉल कर खुद को ट्राई (TRAI) और अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया। कॉलर ने डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी और इस डर के चलते उनके बैंक खाते से कुल 2.89 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
सटीक कार्रवाई और रकम जब्ती
जांच के दौरान पुलिस ने स्कैमर्स द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को ट्रैक किया। साइबर ब्रांच ने 2 जून से 4 जून के बीच की गई ट्रांजेक्शन पर नजर रखते हुए 1.29 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया। इस कार्रवाई में पुलिस की सतर्कता और तकनीकी निगरानी अहम साबित हुई।
सतर्कता की अपील
मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को भी इस प्रकार के कॉल प्राप्त होते हैं, तो वे तुरंत ‘डिजिटल रक्षक’ हेल्पलाइन नंबर 7715004444 या 7400086666 पर संपर्क करें।
कैसे बचें ऐसे साइबर ठगी से
पुलिस ने लोगों को डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं:
किसी भी अनजान व्यक्ति की कॉल पर भरोसा न करें, चाहे वह खुद को सरकारी अधिकारी बताए।
अपने बैंक की जानकारी, ओटीपी या पासवर्ड किसी से भी साझा न करें।
अगर कोई कॉल संदेहास्पद लगे तो नजदीकी पुलिस थाने या साइबर हेल्पलाइन पर तुरंत सूचित करें।
फ्रॉड का शिकार होने पर 1930 हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज करें।
मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सतर्कता और समय पर रिपोर्टिंग से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
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