IPL जीत का जश्न मातम में बदलने के बाद अब कर्नाटक सरकार और हाईकोर्ट दोनों हरकत में आ गए हैं। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB की जीत के बाद मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 33 घायल होने की घटना पर चारों ओर से आलोचना झेल रही राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए RCB, DNA नेटवर्क्स और केएससीए के प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह निर्णय गंभीर लापरवाही को देखते हुए लिया गया है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि घटना की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन माइकल डी’कुन्हा द्वारा की जाएगी और 30 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
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प्रशासनिक अधिकारियों पर गिरी गाज
राज्य सरकार ने प्रशासनिक लापरवाही पर भी बड़ा एक्शन लिया है।
सस्पेंड किए गए अधिकारी:
- बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर
- अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
- डीसीपी (सेंट्रल डिविजन)
- एसीपी (स्टेडियम प्रभारी)
- क्यूबन पार्क थाने के इंस्पेक्टर
- स्टेशन हाउस मास्टर व स्टेशन हाउस ऑफिसर
इन सभी पर भगदड़ के दौरान भीड़ नियंत्रण में असफलता और सुरक्षा चूक का आरोप है।
हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, CM पर भी दर्ज हुई शिकायत
घटना पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
सुनवाई की मुख्य बातें:
- अगली सुनवाई की तारीख 10 जून तय
- कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा – RCB खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसका था?
- भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के उपायों पर भी जवाब मांगा गया
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने CM सिद्धारमैया, डिप्टी CM डीके शिवकुमार और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई है।
क्या था हादसा?
RCB के IPL 2025 जीतने के बाद खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। व्यवस्था चरमरा गई और भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 3 नाबालिग भी शामिल थे। 33 लोग घायल हुए। मरने वाले सभी 35 साल से कम उम्र के बताए गए हैं।
सरकार का पक्ष
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि:
- 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे
- भगदड़ के बाद घायलों को तत्काल इलाज दिलवाया गया
- सुरक्षा चूक की गंभीर समीक्षा की जा रही है
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