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सावरकर मानहानि : Rahul Gandhi का दावा- शिकायतकर्ता नाथूराम गोडसे का करीबी रिश्तेदार

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सावरकर से जुड़े मानहानि मामले में बड़ा दावा किया है। राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की एक विशेष MP/MLA अदालत में एक आवेदन दायर किया।  जिसमें राहुल गांधी ने यह दावा किया कि मानहानि मामले में शिकायत करने वाले सत्यकी सावरकर Nathuram Godse के वंश से ताल्लुक रखता है।

मामले की अगली सुनवाई 12 जून को

Rahul Gandhi ने यह भी आरोप लगाए हैं शिकायत कर्ता जानबूझकर अपने रक्त वंश की जानकारी नहीं दे रहा है । राहुल गांधी के आवेदन के मुताबिक सत्यकि सावरकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के छोटे भाई गोपाल विनायक गोडसे का पोता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल श्रीराम शिंदे ने बुधवार को सत्यकी को आरोपों का जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 12 जून को तय की।

वंश का  खुलासा करने से परहेज

नेता प्रतिपक्ष ने कोर्ट से अपील की है कि वह शिकायतकर्ता को वंश की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दे। कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi अपने आवेदन में आरोप लगाएं हैं कि सत्यकि जानबूझकर अपने वंश का  खुलासा करने से कतरा रहा है। राहुल गांधी की आवेदन के मुताबिक यह तथ्य और गोडसे परिवार से शिकायतकर्ता का सीधा पारिवारिक संबंध मानहानि मामले की दिशा तय करने के लिए जरूरी है।

शिकायतकर्ता की मां नाथूराम गोडसे की भतीजी

राहुल गांधी के आवेदन में कहा गया है कि जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता की मां स्वर्गीय हिमानी अशोक सावरकर गोपाल विनायक गोडसे की बेटी हैं जो नाथूराम विनायक गोडसे के छोटे भाई हैं । आवेदन में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि शिकायतकर्ता की मां हिमानी सावरकर न सिर्फ गोपाल गोडसे की बेटी और नाथूराम गोडसे की भतीजी हैं  बल्कि वे अभिनव भारत और अखिल भारतीय हिंदू महासभा जैसे हिंदुत्व संगठनों से जुड़ी हुई भी थी।

राहुल गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी  का आरोप

बता दें कि सत्यकि ने अपने मानहानि मुकदमे में गांधी पर लंदन में मार्च 2023 में दिए गए भाषण के दौरान हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। सत्यकि ने दावा किया कि गांधी ने सावरकर के लेखन से एक घटना का हवाला दिया था जिसमें सावरकर ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले को “सुखद” बताया था। सत्यकि ने सावरकर के लेखन में इस तरह के किसी अंश के अस्तित्व से इनकार किया और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत गांधी को दोषी ठहराने और धारा 357 सीआरपीसी (CRPC) के तहत मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का रुख किया किया था।

झूठा और भ्रामक आवेदन

इसके अतिरिक्त गांधी ने शिकायतकर्ता सत्यकी पर झूठी गवाही, मानहानि और अदालत की अवमानना ​​का आरोप लगाते हुए एक और आवेदन भी दायर किया है। गांधी का कहना है कि सावरकर ने 9 मई को एक झूठा और भ्रामक आवेदन दायर किया था, जिसमें गलत तरीके से दावा किया गया था कि गांधी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। अदालत ने सत्यकी से दोनों आवेदनों पर जवाब मांगा है। गांधी की ओर से अधिवक्ता मिलिंद पवार पेश हुए। सावरकर की ओर से अधिवक्ता संग्राम कोल्हटकर पेश हुए।

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