🕒 Published 2 months ago (10:11 PM)
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में भारी विवाद खड़ा कर दिया है। राहुल ने अपने भाषण में सावरकर को ‘माफ़ीवीर’ कहा, जिसके बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई है।
इस बयान को लेकर नासिक शिवसेना (UBT) के नगर अध्यक्ष बाला दराडे ने राहुल गांधी को खुलेआम धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी नासिक आए, तो उनके चेहरे पर कालिख पोत दी जाएगी या फिर उनके काफिले पर पथराव किया जाएगा। दराडे का कहना है कि राहुल गांधी का बयान सावरकर का अपमान है, और वे इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मानहानि का मामला दर्ज
इस मामले में नासिक के निवासी देवेंद्र भुताड़ा ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि राहुल की टिप्पणी से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाया।
शिवसेना ने झाड़ा पल्ला, कांग्रेस ने दिया जवाब
हालांकि, शिवसेना (UBT) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने दराडे के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताया और कहा कि यह पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है। उधर, कांग्रेस ने दराडे की धमकी की कड़ी निंदा की है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “यह बयान कायरता भरा है। राहुल गांधी के परिवार ने देश की एकता के लिए बलिदान दिया है। कांग्रेस डरने वाली पार्टी नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की टिप्पणी अपमानजनक नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है। सपकाल ने कहा कि पूर्व मंत्री और लेखक अरुण शौरी ने भी अपनी किताब में ऐसे ही संदर्भ दिए हैं, जिनका राहुल ने उल्लेख किया।
पूर्व मंत्री यशोमती ठाकुर ने भी राहुल का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल वही बातें दोहराईं जो इतिहास में दर्ज हैं।
निष्कर्ष:
राहुल गांधी की टिप्पणी ने एक बार फिर सावरकर पर राजनीतिक बहस को हवा दे दी है। जहां एक ओर विरोधी गुट इसे अपमानजनक बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे ऐतिहासिक सच्चाई कह रही है। फिलहाल मामला गरमाया हुआ है और आगे की राजनीतिक प्रतिक्रिया पर सबकी निगाहें टिकी हैं।