🕒 Published 3 weeks ago (6:25 AM)
Panchkula Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के सात लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली। सभी मृतक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले थे। पुलिस को सातों शव पंचकूला के सेक्टर-27 में एक मकान के बाहर खड़ी एक कार से बरामद हुए। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि परिवार पर भारी कर्ज था और आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। कार के भीतर जहर खाने की आशंका जताई जा रही है।
बागेश्वर धाम कथा में शामिल होने आए थे पंचकूला
जानकारी के मुताबिक, देहरादून निवासी 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल अपने पूरे परिवार के साथ पंचकूला में आयोजित बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल होने आए थे। कथा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वे देहरादून लौटने लगे, तो रास्ते में उन्होंने आत्महत्या कर ली। मरने वालों में प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी, माता-पिता, दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं।
गाड़ी से बरामद हुआ सुसाइड नोट
पुलिस को गाड़ी से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें आर्थिक तंगी और कर्ज को आत्महत्या का कारण बताया गया है। हालांकि, सुसाइड नोट की पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने फिलहाल नहीं की है, लेकिन जांच टीम इसे आत्महत्या का मामला मानकर तफ्तीश में जुटी हुई है।
मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पंचकूला डीसीपी हिमाद्री कौशिक और डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित दहिया ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई और कार से जरूरी साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे हैं।
डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन पूरे घटनाक्रम की गहराई से जांच की जा रही है। मृतकों की पहचान कर ली गई है और सातों शवों को पंचकूला के निजी अस्पतालों के शवगृह में रखा गया है।
कर्ज में डूबे थे प्रवीण मित्तल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवीण मित्तल का परिवार लंबे समय से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा था। उन पर लाखों रुपये का कर्ज था, जिसे वे चुका नहीं पा रहे थे। कथित तौर पर इस मानसिक तनाव ने उन्हें आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर कर दिया। पुलिस को शक है कि परिवार ने योजना बनाकर आत्महत्या की, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद ही सटीक कारणों की पुष्टि हो पाएगी।
बुराड़ी कांड की दिला दी याद
यह घटना साल 2018 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुए सामूहिक आत्महत्या कांड की याद दिला देती है, जहां एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली थी। उनमें से 10 लोगों के शव फंदे से लटके मिले थे और एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। पंचकूला की यह घटना भी समाज में व्याप्त मानसिक और आर्थिक तनाव के खतरनाक रूप को उजागर करती है।
पुलिस जांच जारी
फिलहाल पंचकूला पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग और जहर के स्रोत की पुष्टि के लिए विशेषज्ञों को लगाया गया है। साथ ही परिवार के बैंक खातों, कर्ज और अन्य वित्तीय गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं किसी ने उन्हें उकसाया तो नहीं।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक और आर्थिक संकट से जूझते लोगों के लिए समाज और सरकार को समय रहते कोई ठोस सहारा देने की जरूरत है, ताकि ऐसे हृदयविदारक कदम उठाने से रोका जा सके।