मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद, तस्करी रैकेट का सनसनीखेज खुलासा!
मुंबई एयरपोर्ट पर तस्करी के मामलों में फिर एक बार बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) की टीम ने एक सनसनीखेज कार्रवाई के दौरान सोने की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 18 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इस घटना से एक बार फिर से एयरपोर्ट पर सुरक्षा और सतर्कता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। यह घटना दिखाती है कि तस्कर किस तरह से नए-नए तरीके अपना रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसे हुआ सोना तस्करी का पर्दाफाश?
मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात डीआरआई की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि दुबई से आने वाली एक फ्लाइट में कुछ यात्री सोने की तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए इन यात्रियों पर खास नजर रखी। जैसे ही फ्लाइट लैंड हुई, अधिकारियों ने दो संदिग्ध यात्रियों को रोका। संदेह के आधार पर जब उनकी तलाशी ली गई, तो मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद किया गया। तस्करों ने सोने के बिस्कुट कमर पर पहनी गई एक विशेष बेल्ट के अंदर छिपाए हुए थे, ताकि वे एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच से बच सकें।
तस्करों का चालाक तरीका
तस्करों ने सोने को छिपाने के लिए बेहद ही शातिर तरीका अपनाया था। उन्होंने अपनी कमर पर एक बेल्ट पहनी थी, जिसमें सोने के बिस्कुट छिपाए गए थे। यह बेल्ट इतनी खास थी कि सुरक्षा जांच में इसे सामान्य रूप से पकड़ पाना मुश्किल था। लेकिन डीआरआई की सतर्कता ने उनके इस चालाकी भरे तरीके को नाकाम कर दिया और मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद कर लिया गया। जांच के दौरान दोनों यात्रियों ने कबूल किया कि वे तस्करी में शामिल थे और सोने को देश में गैरकानूनी तरीके से लाने की कोशिश कर रहे थे।
डीआरआई की सतर्कता से नाकाम तस्करी
इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि डीआरआई जैसी सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी के साथ तस्करों की हर चाल को नाकाम करने के लिए तैयार हैं। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने के बाद से यह साफ है कि तस्कर लगातार नए-नए तरीके अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन डीआरआई की सतर्कता और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से उन्हें पकड़ा जा रहा है।
सोना तस्करी के बढ़ते मामले
हाल के कुछ महीनों में मुंबई एयरपोर्ट पर सोना तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। इस घटना से कुछ दिन पहले ही दो केन्याई महिलाओं को 32 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसकी कीमत 19.15 करोड़ रुपये थी। यह स्पष्ट है कि मुंबई एयरपोर्ट तस्करों के लिए एक प्रमुख ठिकाना बन चुका है। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने की यह घटना इस बात का सबूत है कि तस्करी के प्रयासों में तेजी आई है और सुरक्षा एजेंसियों को इस चुनौती से निपटने के लिए और अधिक सख्ती बरतनी होगी।
तस्करी रोकने के उपाय
डीआरआई और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार अपनी तकनीकी और सतर्कता को बढ़ा रही हैं। हवाई अड्डों पर अब हाई-टेक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि तस्करी के मामलों को रोका जा सके। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि तस्करों की चालाकी चाहे जितनी भी हो, उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है।
डीआरआई का सतर्क रुख
डीआरआई की इस कार्रवाई से यह साबित हो गया है कि तस्करी के खिलाफ उनकी सतर्कता कितनी मजबूत है। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने के बाद डीआरआई ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए वे लगातार निगरानी कर रहे हैं और हवाई अड्डों पर सुरक्षा कड़ी की जा रही है। डीआरआई अब इस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कनेक्शन?
डीआरआई के अनुसार, यह सोना तस्करी रैकेट किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा हो सकता है। तस्करी के इस तरीके से यह संदेह जताया जा रहा है कि इस नेटवर्क में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने के बाद डीआरआई अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसका मुख्य सरगना कौन है। इस तरह की घटनाएं यह इशारा करती हैं कि सोने की तस्करी में कई बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं।
सोने की तस्करी के आर्थिक प्रभाव
सोने की तस्करी न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि ऐसी तस्करी से सरकार को कितना आर्थिक नुकसान होता है। सरकार सोने पर भारी टैक्स लगाती है और तस्करी के जरिए सोने को देश में लाने से टैक्स की बड़ी हानि होती है। इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्कता बरतनी होगी।
निष्कर्ष
मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होने की यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इससे यह भी साफ हो जाता है कि सोने की तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। डीआरआई की सतर्कता और उनके द्वारा किए जा रहे उपाय इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस रैकेट से जुड़े बाकी लोगों को कब तक गिरफ्तार किया जाता है और सोने की तस्करी के इस गिरोह को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्कता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऐसे तस्करी रैकेट्स को जड़ से समाप्त करना होगा।
मुंबई एयरपोर्ट पर 21 किलो सोना बरामद होना यह दर्शाता है कि सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन तस्करों की चालाकियों का मुकाबला करने के लिए और अधिक सख्ती की आवश्यकता है।
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