21 जुलाई 2025: भगवान शिव और विष्णु की कृपा पाने का दुर्लभ संयोग, जानिए खास मंत्र और पूजा विधि

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By Hindustan Uday

🕒 Published 2 weeks ago (7:17 AM)

डेस्क. सावन मास का दूसरा सोमवार इस बार 21 जुलाई को आ रहा है, और यह दिन बहुत खास बन गया है। इस दिन कामिका एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की कृपा एक साथ पाने का उत्तम अवसर है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के सोमवार शिव को अति प्रिय होते हैं, वहीं एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। ऐसे शुभ योग का लाभ उठाना हर भक्त के लिए विशेष फलदायी होगा।

पूजा के लिए उत्तम समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर बना रहेगा। इसके अलावा शाम 6:39 बजे तक वृद्धि योग और फिर ध्रुव योग प्रभावी रहेगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह दिन पूजा-पाठ, व्रत और ध्यान के लिए बेहद उपयुक्त है।

खास ग्रह युति

इस दिन चंद्रमा, सूर्य और मंगल की विशेष युति बन रही है। इस कारण पूजा करने वालों को आर्थिक लाभ, रोगों से छुटकारा और पारिवारिक सुख की प्राप्ति हो सकती है। यह दिन शिव और विष्णु भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।

इन मंत्रों का जाप करना होगा लाभकारी

भगवान शिव के मंत्र:

  • कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

  • सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं भजामि॥

  • शिवाय विष्णु रूपाय शिव रूपाय विष्णवे:

  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

भगवान विष्णु के मंत्र:

  • शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।

  • लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:

  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्मी नारायण नमः

  • ॐ नारायण: विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो नारायण: प्रचोदयात:

संयुक्त शिव-विष्णु मंत्र:

  • ॐ नमः शिवाय विष्णवे शिवाय विष्णुरूपिणे:

  • शिवाय विष्णु रूपाय शिव रूपाय विष्णवे।

  • शिवस्य हृदयं विष्णुं विष्णोश्च हृदयं शिवः।।

महत्वपूर्ण सूचना: यह जानकारी धार्मिक मान्यता और लोक परंपराओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठक अपने विवेक से इसका पालन करें।

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