🕒 Published 4 months ago (5:14 AM)
12 दिन से सन्नाटा! दिल्ली हाई कोर्ट जज के घर मिली नोटों की बोरी का राज क्या है?
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर मिली नोटों की बोरी ने न केवल राजधानी बल्कि पूरे देश में सनसनी फैला दी है। आज, इस घटना को 12 दिन बीत चुके हैं और अभी भी 12 दिन से सन्नाटा है। यह मामला जैसे-जैसे समय बीत रहा है, रहस्यमय होता जा रहा है। आखिर क्या था इस बोरी में? कौन लाया था इसे जज के घर? और सबसे बड़ा सवाल, जज के घर पर इस तरह का मामला सामने आने के बाद भी क्यों है 12 दिन से सन्नाटा?
रहस्यमय शुरुआत: आग की चिंगारी और नोटों की बोरी
14 मार्च की रात को लगभग 11:15 बजे दिल्ली के तुगलक क्रिसेंट रोड पर स्थित हाई कोर्ट जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में अचानक आग लगने की खबर आई। लेकिन इस आग में सबसे चौंकाने वाली बात थी, नोटों की बोरी जो जली हुई हालत में पाई गई। क्या यह कोई दुर्घटना थी या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश? इन सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश में आज तक 12 दिन से सन्नाटा छाया हुआ है।
पुलिस और अग्निशमन विभाग ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। लेकिन आग बुझने के बाद जब वहां नोटों की बोरी मिली, तो यह घटना एक साधारण आगजनी से कहीं अधिक रहस्यमय बन गई। आखिर जज के घर में इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कहां से आई? और क्यों कोई इसे जलाने की कोशिश कर रहा था?
स्टोररूम की सीलिंग: बढ़ता रहस्य
घटना के 12 दिन बाद, दिल्ली पुलिस ने जज वर्मा के घर के स्टोररूम को सील कर दिया है। परिसर की वीडियोग्राफी भी की गई और फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। हालांकि 12 दिन से सन्नाटा अब भी कायम है, इस बीच पुलिस और अग्निशमन विभाग दोनों ही इस मामले की अलग-अलग जांच कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अब तक फुटेज से कोई अनधिकृत प्रवेश के सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन सवाल यह है कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल नहीं था, तो फिर ये नकदी कहां से आई? जज वर्मा ने खुद आग लगने और नोटों के जलने के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई थी, लेकिन उनकी बातों की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। और इसी रहस्य ने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।
क्या जज वर्मा को किसी साजिश का शिकार बनाया जा रहा है?
12 दिन से सन्नाटा बना हुआ है, लेकिन अफवाहों का बाजार गर्म है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह पूरा मामला जज वर्मा को फंसाने की साजिश हो सकता है। जबकि दूसरी तरफ, कई लोग इसे एक अंदरूनी मामला मान रहे हैं। जो भी हो, यह साफ है कि इस केस में कई अनसुलझे सवाल हैं।
क्या जज के घर में किसी ने अंदरूनी जानकारी के आधार पर इस बोरी को रखा? या फिर ये एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसमें जज वर्मा को फंसाने की कोशिश की जा रही है? जब तक पुलिस और जांच एजेंसियां इस पर अपना आधिकारिक बयान नहीं देतीं, तब तक 12 दिन से सन्नाटा और गहराता जाएगा।
कॉल डिटेल और जांच की रिपोर्ट: क्या खुलेंगे नए राज?
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने जस्टिस वर्मा के फोन की कॉल डिटेल और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल की भी जांच की है। 40 पन्नों की इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के जांच आयोग को सौंपा जाना है। क्या इसमें कुछ ऐसे संकेत मिल सकते हैं जो इस मामले की गुत्थी को सुलझा सकें? अभी तक इस रिपोर्ट के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन संभावना है कि आने वाले दिनों में कुछ नई जानकारियां सामने आ सकती हैं।
स्टोररूम में जलती नकदी: दुर्घटना या साजिश?
12 दिन से सन्नाटा छाया हुआ है, लेकिन एक सवाल सबके मन में घूम रहा है – क्या वाकई ये आग महज एक दुर्घटना थी या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी? नकदी का जलना और वह भी जज के घर में, एक साधारण घटना नहीं हो सकती।
पुलिस और जांच एजेंसियां हर पहलू की गहन जांच कर रही हैं। लेकिन इस जांच का नतीजा कब तक आएगा और क्या इसका सच कभी सामने आएगा, यह कहना मुश्किल है।
साजिश या अंदरूनी खेल?
जब किसी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति के घर में ऐसी घटना घटती है, तो सवाल उठना लाज़मी है। 12 दिन से सन्नाटा कायम है, लेकिन कई लोग इस घटना को साजिश करार दे रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि जज के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रची जा रही है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक अंदरूनी खेल हो सकता है, जहां नकदी को लेकर कोई गड़बड़ी की जा रही थी।
फुटेज और सबूत: क्या मिलेगा कोई सुराग?
जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले हैं, लेकिन अभी तक कुछ खास हाथ नहीं लगा है। फुटेज में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो किसी बाहरी व्यक्ति की एंट्री को साबित कर सके। लेकिन सवाल यह है कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं था, तो फिर ये नोट कहां से आए और क्यों जलाए गए?
जनता की नजरें और 12 दिन का सन्नाटा
यह मामला सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता की नजरों में है। हाई-प्रोफाइल केस होने के कारण लोगों में इसकी सच्चाई जानने की बेचैनी है। लेकिन 12 दिन से सन्नाटा और मामले की धीमी जांच ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या सच सामने आएगा?
जज वर्मा के घर मिले नोटों की बोरी का रहस्य और आग की घटना से जुड़े सवालों का जवाब कब मिलेगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है। पुलिस और जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, लेकिन सच का सामने आना अभी भी दूर की कौड़ी नजर आ रहा है।
इस बीच, 12 दिन से सन्नाटा बरकरार है और जनता के मन में बस एक ही सवाल है – क्या इस मामले का सच कभी सामने आएगा या फिर ये एक रहस्य बनकर ही रह जाएगा?
निष्कर्ष
12 दिन से सन्नाटा है और जज यशवंत वर्मा के घर मिली नोटों की बोरी का रहस्य अब तक अनसुलझा है। पुलिस और जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। जनता की उत्सुकता और अफवाहों का बाजार गर्म है, लेकिन सच का सामने आना अभी बाकी है।
अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।