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₹60,000 करोड़ की फाइटर जेट डील: राफेल और F-35 से सस्ता देसी तेजस Mk1A, एयरफोर्स को मिलेगी जबरदस्त ताकत

नई दिल्ली। सुरक्षा चुनौतियों के बीच IAF को मिलेगी नई ताकत, HAL को मिल सकता है 97 और तेजस का ऑर्डर

देश की सुरक्षा परिस्थितियों में लगातार बदलाव हो रहे हैं। पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान और उत्तरी सीमा पर चीन जैसी ताकतों के खतरे को देखते हुए भारत अब हर मोर्चे पर अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में जुट गया है। हाल ही में चले ऑपरेशन सिंदूर और तुर्की के बढ़ते दखल के बाद भारत के लिए यह और भी जरूरी हो गया है कि वह अपनी तीनों सेनाओं — थल, वायु और नौसेना — को आधुनिक हथियारों से लैस करे।

इस कड़ी में वायुसेना को अत्याधुनिक और स्वदेशी लड़ाकू विमान देने के लिए सरकार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ ₹60,000 करोड़ की बड़ी डील पर विचार कर रही है।

पहले से चल रही है 83 तेजस Mk1A जेट्स की डील

भारतीय वायुसेना ने वर्ष 2021 में HAL के साथ 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट्स के लिए ₹48,000 करोड़ की डील की थी। ये सभी चौथी पीढ़ी के उन्नत विमान हैं, जो भविष्य के युद्धों के लिए बेहद जरूरी माने जा रहे हैं। हालांकि, जनरल इलेक्ट्रिक की ओर से इंजन की आपूर्ति में देरी होने से इन विमानों की डिलीवरी प्रभावित हुई।

अब HAL ने नासिक में एक नई उत्पादन लाइन स्थापित कर दी है और 2025 से आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

वायुसेना को चाहिए 42 स्क्वाड्रन, अभी हैं सिर्फ 31

भारतीय वायुसेना को देश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 42 स्क्वाड्रन फाइटर जेट्स की जरूरत है। लेकिन फिलहाल उसके पास महज 31 स्क्वाड्रन ही मौजूद हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह तेजी से नए जेट्स को मंजूरी दे।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान चीन से पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में है। अगर भारत ने तत्काल कदम नहीं उठाया तो वह रणनीतिक रूप से पिछड़ सकता है।

अब 97 और तेजस Mk1A जेट्स के लिए डील पर विचार

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार अब HAL को अतिरिक्त 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट्स का नया ऑर्डर देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इससे वायुसेना के पास इस वर्ग के कुल 180 तेजस फाइटर जेट्स की फ्लीट हो जाएगी, जो भारत को आकाश से अजेय बना देगी।

HAL के चेयरमैन डी.के. सुनील ने कहा है कि अगर उन्हें यह ऑर्डर मिलता है तो वे इसे 2031 तक पूरा कर देंगे। इसके लिए कंपनी ने 2027 से हर साल 30 तेजस जेट बनाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, जनरल इलेक्ट्रिक अब भारत में ही इंजन बनाने की यूनिट स्थापित करने जा रही है, जिससे सप्लाई चेन और तेज होगी।

राफेल-F35 से सस्ता लेकिन ताकतवर

तेजस Mk1A को राफेल और F-35 जैसे विदेशी जेट्स की तुलना में सस्ता बताया जा रहा है, लेकिन इसकी क्षमताएं किसी से कम नहीं। इसकी स्पीड, हथियार क्षमता और बहु-भूमिकाओं में उपयोगिता इसे आधुनिक युद्धों के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाती हैं। खास बात यह है कि यह ब्रह्मोस जैसे भारतीय हथियारों को ले जाने की भी क्षमता रखता है।

भारत ने अब अपनी सुरक्षा नीतियों को सिर्फ प्रतिक्रियावादी न रखकर, पहले से तैयार रहने की दिशा में आगे बढ़ा है। ₹60,000 करोड़ की यह डील न केवल वायुसेना को नई शक्ति देगी, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम होगी।

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