होली 2025: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और रंगों का आध्यात्मिक महत्व

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By Pragati Tomer

होली 2025: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और रंगों का आध्यात्मिक महत्व

होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि रंगों, प्रेम और उल्लास का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत, सामाजिक सद्भाव और नई ऊर्जा का संदेश देता है। 2025 में होली कब है? इसका शुभ मुहूर्त क्या है? और होली के रंगों का आध्यात्मिक महत्व क्या है? आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

होली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा।

🔹 होलिका दहन (छोटी होली) – 13 मार्च 2025

🔹 रंगों की होली – 14 मार्च 2025

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

📅 होलिका दहन का समय: 13 मार्च 2025, शाम 6:45 बजे से रात 9:15 बजे तक (समय स्थान के अनुसार बदल सकता है)

रंगों की होली का शुभ समय

📅 14 मार्च 2025 को सुबह से दोपहर तक होली खेलना सबसे शुभ माना जाता है।

होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन घर के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है।

पूजा विधि:

1️⃣ होलिका दहन स्थल की शुद्धि करें।

2️⃣ लकड़ियों और उपलों (कंडों) से होलिका तैयार करें।

3️⃣ होलिका के चारों ओर जल छिड़कें और रोली, चावल से पूजा करें।

4️⃣ गेंहूं की नई फसल, नारियल और गुड़ का भोग अर्पित करें।

5️⃣ होलिका प्रज्वलित करें और परिवार सहित परिक्रमा करें।

6️⃣ अग्नि में नारियल, गेंहूं की बालियां, मूंग और चना डालें।

7️⃣ भगवान विष्णु और प्रह्लाद की कथा सुनें।

यह अनुष्ठान घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सुख-समृद्धि को बढ़ाता है।

होली के रंगों का आध्यात्मिक महत्व

होली के रंग केवल उत्सव का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक भी हैं।

🔴 लाल रंग – शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक

🟨 पीला रंग – ज्ञान और बुद्धि का संकेत

🟦 नीला रंग – शांति और विश्वास का प्रतीक

🟩 हरा रंग – समृद्धि और नई शुरुआत का संकेत

🟪 गुलाबी रंग – प्रेम और सौहार्द का प्रतीक

रंगों से खेलते समय प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह न केवल शरीर के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते।

होली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

1. बुराई पर अच्छाई की जीत

होली का सबसे बड़ा संदेश है सत्य की जीत। भक्त प्रह्लाद की भक्ति और हिरण्यकश्यप के अहंकार का अंत हमें सिखाता है कि सच्चाई और भक्ति की हमेशा विजय होती है।

2. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति

होलिका दहन सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और जीवन की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।

3. प्रेम और भाईचारे का संदेश

होली गिले-शिकवे मिटाकर नए रिश्तों को जोड़ने और पुराने संबंधों को मजबूत करने का पर्व है।

होली के दिन क्या करें और क्या न करें?

✅ क्या करें?

✔️ घर को साफ-सुथरा रखें और होलिका दहन में भाग लें।

✔️ बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और रिश्तों में मिठास घोलें।

✔️ प्राकृतिक रंगों से होली खेलें।

❌ क्या न करें?

❌ होली पर नशा या बुरी आदतों से बचें।

❌ जबरदस्ती किसी पर रंग न डालें।

❌ पानी और रंगों की बर्बादी न करें।

निष्कर्ष

होली 2025 सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि आनंद, प्रेम और आध्यात्मिकता का पर्व है। इस दिन सकारात्मक ऊर्जा को अपनाएं, बड़ों का आशीर्वाद लें और होलिका दहन की पूजा करें। प्राकृतिक रंगों के साथ एक सुरक्षित और खुशहाल होली मनाएं।

आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं! 🎨✨

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