🕒 Published 5 days ago (1:40 PM)
संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। बुधवार को आज दूसरे दिन राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सबसे पहले सरकार का पक्ष सदन में रखा। लेकिन इसी बीच एक ऐसी घटना हुई जब विदेश मंत्री जयशंकर नाराज हो गए।
संसद का मानसून सत्र
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में पहलगाम हमले के बाद सरकार ने जो कदम उठाए उसकी जानकारी दे रहे थे । जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर रोकथाम हमारा ‘ग्लोबल एजेंडा’ है। भारत में 1947 के बाद से सीमा पार से लगातार हमले होते रहे, हर हमले के बाद पाकिस्तान से बातचीत भी होती रही।
भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा
ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। अगर बात होगी, तो वह डीजीएमओ चैनल के जरिए होगी। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से बात की और उन्होंने हमले रोकने की गुहार लगाई। इसी दौरान जयशंकर ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि उन्होंने आर्मी को एडवेंचर बना दिया।
कमेंट पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा
विदेश मंत्री के इसी कमेंट पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद जयशंकर ने सीधे शक्ति सिंह गोहिल और संजय सिंह का नाम लेकर आसन से शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जताई। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने कहा कि आप अपनी बात कहेंगे और दूसरे की नहीं सुनेंगे, ये संसदीय मर्यादा नहीं है। आपको भी बोलने का मौका मिलेगा।