लेंसकार्ट ने सेबी के पास ड्राफ्ट-पेपर्स फाइल किए:कंपनी IPO में 13.22 करोड़ शेयर्स जारी करेगी, इश्यू से ₹8,686 करोड़ जुटाने का प्लान

By Hindustan Uday

🕒 Published 4 days ago (3:58 PM)

आईवियर कंपनी लेंसकार्ट अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने IPO के लिए मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी ड्राफ्ट पेपर्स फाइल किए हैं। कंपनी इस IPO में 2,150 करोड़ रुपए की वैल्यू के नए शेयर्स जारी करेगी। इसके साथ-साथ कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स भी ऑफर-फॉर-सेल यानी OFS के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे। कंपनी के शेयरहोल्डर्स में पीयूष बंसल, नेहा बंसल, अमित चौधरी और अन्य के नाम शामिल हैं। कंपनी का यह IPO फ्रेश इश्यू और OFS का कॉम्बिनेशन है, जिसके जरिए टोटल 13.22 करोड़ से ज्यादा शेयर्स जारी किए जाएंगे। शेयरहोल्डर्स में SVF II लाइटबल्ब (केमैन) लिमिटेड और श्रोडर्स कैपिटल प्राइवेट इक्विटी एशिया मॉरीशस लिमिटेड जैसे प्रमोटर सेलिंग शेयरहोल्डर्स और इन्वेस्टर्स सेलिंग शेयरहोल्डर्स भी शामिल हैं। IPO से कंपनी ₹8,686 करोड़ फंड जुटाएगी इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 10 बिलियन डॉलर (करीब 86,875 करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर 1 बिलियन डॉलर (मौजूदा वैल्यू- करीब ₹8,686 करोड़) फंड जुटाएगी। फंड का इस्तेमाल कंपनी कहां करेगी? IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर कौन हैं? कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एवेंडस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है। लेंसकार्ट की शुरुआत 2010 में हुई थी 2008 में स्थापित लेंसकार्ट ने 2010 में एक ऑनलाइन बिजनेस के रूप में शुरुआत की थी। 2013 में अपना पहला रिटेल आउटलेट खोला था। यह कंपनी भारत में सबसे बड़े आईवियर रिटेल नेटवर्क में से एक को ऑपरेट करती है। पीयूष बंसल और कोलकाता के उनके एक दोस्त ने एक ऐसी कंपनी बनाने का प्लान बनाया जो भारत के लोगों की चश्मा न पहनने की आदत को बदल सके। उन्होंने लिंक्डइन पर एक और को-फाउंडर सुमीत कपाही को ढूंढा। कपाही ने कुछ महीने पहले ही एक आईवियर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी। तीनों ने मिलकर 2010 में वैल्यू टेक्नोलॉजी बनाई, जिसमें अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट थी। इसमें लेंसकार्ट, ज्यूलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट वेबसाइट्स थीं। कुछ समय बाद चश्मे के मार्केट में पोटेंशियल देख कर तीनों ने सिर्फ लेंसकार्ट पर फोकस करना शुरू किया था। FY25 में लेंसकार्ट ने 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए वित्त वर्ष 2025 में लेंसकार्ट ने दुनिया भर में 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए और 1.241 करोड़ ग्राहकों को 2.72 करोड़ आईवियर यूनिट बेचे हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 100 मिलियन से ज्यादा एप डाउनलोड और 104.97 मिलियन एनुअल वेबसाइट विजिटर दर्ज किए और दुनिया भर में 2,723 स्टोर ऑपरेट किए। 2024 में कंपनी की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर थी पिछले साल जून में लेंसकार्ट ने 5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,737 करोड़) फंड रेज किया था। लेंसकार्ट आईवियर सेक्टर को डोमीनेट करती है। कंपनी का बिजनेस प्रॉफिटेबल भी है। वहीं थाईलैंड में भी कंपनी अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा रही है।

Leave a Comment

Exit mobile version