भागवत बोले– संस्कृत सभी भाषाओं की जननी:कहा- संस्कृत को बोलचाल की भाषा बनाना जरूरी; समझना ही नहीं, बोलना भी चाहिए

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By Hindustan Uday

🕒 Published 18 hours ago (3:25 PM)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है। अब समय आ गया है कि इसे बोलचाल की भाषा बनाया जाए। नागपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संस्कृत को केवल समझना नहीं, बोलना भी आना चाहिए। भागवत ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय को सरकार का सहयोग तो मिलेगा ही लेकिन असली जरूरत लोगों के सहयोग की है। उन्होंने माना कि वे संस्कृत जानते हैं लेकिन धाराप्रवाह बोल नहीं पाते। उन्होंने कहा कि संस्कृत को हर घर तक पहुंचाना होगा और इसे बातचीत का माध्यम बनाना पड़ेगा। RSS चीफ ने कहा कि आज देश में आत्मनिर्भर बनने की भावना पर आम सहमति है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी बौद्धिक क्षमता और ज्ञान को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि भाषा केवल शब्दों का माध्यम नहीं, बल्कि भाव होती है और हमारी असली पहचान भी भाषा से ही जुड़ी होती है। यह संस्थान संस्कृत को जीवंत रखेगा
भागवत ने कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में ‘अभिनव भारती अंतरराष्ट्रीय अकादमिक भवन’ का उद्घाटन किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्थान न केवल संस्कृत भाषा को जीवंत बनाए रखेगा, बल्कि इसे रोजमर्रा की बोलचाल की भाषा बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि स्वत्व यानी आत्मबोध कोई भौतिक चीज नहीं, बल्कि यह हमारी वैचारिक और सांस्कृतिक पहचान है और इसे व्यक्त करने के लिए भाषा का माध्यम जरूरी है। भागवत ने स्पष्ट किया कि यह केवल शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की साझी जिम्मेदारी है। केरल में कहा था- कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों का विरोध करना नहीं
इससे पहले 27 और 28 जुलाई को भागवत केरल के दौरे पर थे। यहां शिक्षा सम्मेलन ज्ञान सभा कार्यक्रम के पहले दिन उन्होंने कहा था कि हमें फिर से सोने की चिड़िया नहीं बनना है, बल्कि हमको शेर बनना है। दुनिया शक्ति की ही बात समझती है और शक्ति संपन्न भारत होना चाहिए। वहीं दूसरे दिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि ‘कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों का विरोध करना नहीं है’, बल्कि हिंदू होने का असली मतलब सबको अपनाना है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सबको साथ लेकर चलने वाला धर्म है। भागवत ने कहा था- ‘अक्सर गलतफहमी हो जाती है कि अगर कोई अपने धर्म के प्रति दृढ़ है तो वह दूसरों का विरोध करता है। हमें यह कहने की ज़रूरत नहीं कि हम हिंदू नहीं हैं। हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू होने का सार यह है कि हम सभी को अपनाएं।’ पूरी खबर पढ़ें… —————————————— भागवत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मालेगांव ब्लास्ट- पूर्व ATS इंस्पेक्टर का दावा: RSS चीफ भागवत की गिरफ्तारी के आदेश थे; भगवा आतंकवाद साबित करने का दबाव था महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी 7 आरोपियों को NIA स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई को बरी कर दिया। महाराष्ट्र ATS के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने दावा किया कि- मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था। भगवा आतंकवाद स्थापित करने के लिए भागवत की गिरफ्तारी का दबाव बनाया गया था। पूरी खबर पढ़ें…

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