थम गया दिल्ली में चुनावी शोर, वादों के जरिए सभी दलों ने लगाया वोटर्स को लुभाने पर जोर..

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By Rita Sharma

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की घड़ी नजदीक आ रही है। आज यानी सोमवार शाम को प्रचार बंद हो गया। इस दौरान तमाम पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। 5 फरवरी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। यह चुनाव भारतीय राजनीति में विशेष महत्व रखता है।दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा और प्रभाव की कसौटी भी बन चुकी है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), आम आदमी पार्टी (AAP), और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है।
तीनों प्रमुख पार्टियों के चुनावी वादों, प्रचार, और दिल्ली विधानसभा चुनाव के समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया है। जहां एक आरोप लगता वहीं दूसरी पार्टी उसकी काट के लिए प्रेसवार्ता करती नजर आती। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर पार्टी का हर नेता दिल्ली की जनता से वोट की अपील करता हुआ दिखा। तमाम वादे दिल्ली की जनता के साथ किए गये हैं।

  1. बीजेपी के वादे और प्रचार
    बीजेपी के दिल्ली चुनाव अभियान की रणनीति का मुख्य आधार ‘विकास’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ है। बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने प्रचार को केंद्रित किया है और पार्टी ने इसे अपनी राष्ट्रीय राजनीति के साथ जोड़ा है। बीजेपी का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों को यह विश्वास दिलाना है कि दिल्ली में बेहतर प्रशासन और विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग बेहद जरूरी है।
    बीजेपी के प्रमुख वादे:
    • आधुनिक दिल्ली का निर्माण: बीजेपी दिल्ली को एक और स्मार्ट सिटी बनाने का वादा कर रही है। इसके तहत, दिल्ली के हर एक इलाके में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और शहर में हरियाली, साफ-सफाई, और पानी की आपूर्ति में सुधार किया जाएगा।
    • स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: बीजेपी ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और स्कूलों को बेहतर बनाने की बात कही है। उनका कहना है कि दिल्ली के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए।
    • संवेदनशीलता और सुरक्षा: बीजेपी के प्रचार में महिलाओं की सुरक्षा, अपराधों पर कड़ी कार्रवाई, और संवेदनशीलता को प्रमुख स्थान दिया गया है। पार्टी ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था को कड़ा किया जाएगा।
    • राष्ट्रीय सुरक्षा: दिल्ली की राजनीति में बीजेपी ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्वपूर्ण मुद्दा माना है। पार्टी ने अपने प्रचार में दिल्ली को आतंकवाद और अपराध से सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाने की बात की है।
    प्रचार रणनीति:
    बीजेपी ने दिल्ली में अपने प्रचार अभियान में मोदी सरकार के विकास कार्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रमुख मुद्दा बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा और कड़े फैसले लेने का संदेश दिल्ली चुनाव में प्रमुख रूप से प्रचारित किया गया है। इसके साथ ही बीजेपी ने दिल्ली के स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान दिया है और निगम चुनाव के अनुभवों का हवाला देते हुए नगर निगम के कार्यों का प्रचार किया है।
  2. आम आदमी पार्टी (AAP) के वादे और प्रचार
    आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर खुद को अलग तरीके से प्रस्तुत किया है। पार्टी ने अपनी प्रमुख रणनीति पर ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’, ‘स्वास्थ्य सेवाएं’, और ‘पानी-बिजली’ जैसी बुनियादी सुविधाओं के बारे में अपने वादों को दोहराया है।
    AAP के प्रमुख वादे:
    • समान शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार का वादा किया है। पिछले चुनाव में किए गए वादों की तरह, पार्टी ने मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वादा किया है।
    • पानी-बिजली पर ध्यान: AAP ने दिल्ली में पानी और बिजली की आपूर्ति पर और ज्यादा ध्यान देने की बात की है। पार्टी ने यह वादा किया है कि पानी और बिजली के बिलों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, और लोगों को और अधिक सब्सिडी दी जाएगी।
    • महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए योजनाएं: महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में और भी योजनाएं शुरू करने की बात की है। उन्होंने महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा जैसी योजनाओं का वादा किया है।
    • राजनीतिक भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई: AAP ने अपने प्रचार में भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात की है। पार्टी ने वादा किया है कि उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार से पूरी तरह से निपटा जाएगा और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी।
    प्रचार रणनीति:
    आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहले से स्थापित अपनी छवि को बढ़ावा दिया है, जिसमें दिल्ली की बुनियादी सेवाओं पर जोर दिया गया है। अरविंद केजरीवाल ने पार्टी का चेहरा बनकर दिल्लीवासियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उन्होंने पिछले कार्यकाल में जो किया है, वही वे आगे भी करेंगे। पार्टी ने अपनी प्रचार रणनीति को सोशल मीडिया और जमीन स्तर पर सशक्त किया है।
  3. कांग्रेस के वादे और प्रचार
    कांग्रेस, जो दिल्ली विधानसभा चुनावों में पहले से एक प्रमुख विरोधी पार्टी रही है, इस बार भी अपनी जड़ों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने अपने प्रचार में सुधार, रोजगार, और भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात की है। कांग्रेस ने मुख्य रूप से युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है और दिल्ली के मुद्दों पर अपनी पुरानी योजनाओं को सामने रखा है।
    कांग्रेस के प्रमुख वादे:
    • रोजगार के अवसर: कांग्रेस ने युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर जोर दिया है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाए जाएंगे, साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन के कदम उठाए जाएंगे।
    • महिला सशक्तिकरण: कांग्रेस ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाओं का वादा किया है, जिसमें महिलाओं के लिए स्वतंत्र सुरक्षा और कामकाजी महिलाओं के लिए बेहतर माहौल देना शामिल है।
    • संवेदनशील प्रशासन: कांग्रेस ने दिल्ली में संवेदनशील प्रशासन का वादा किया है, जिसमें सभी वर्गों को समान अवसर और अधिकार मिलेगा।
    • पारदर्शिता और भ्रष्टाचार से मुक्ति: पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने और सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता लाने की बात की है।
    प्रचार रणनीति:
    कांग्रेस पार्टी ने इस बार अपने प्रचार में युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश की है। पार्टी ने अपनी पूर्व सरकार के कार्यों का उल्लेख किया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाने का वादा किया है।
    दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरण
    दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा, आम आदमी पार्टी, और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी पिछले कुछ वर्षों से मजबूत स्थिति में रही है, जबकि बीजेपी ने दिल्ली के शहरी इलाकों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की है। कांग्रेस, जो पहले दिल्ली में एक बड़ी ताकत थी, अब खुद को पुनः स्थापित करने की कोशिश में है।
    इस चुनाव में कुछ प्रमुख समीकरण बनते हुए दिख रहे हैं:
    • AAP की जीत की संभावना: आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था, और उनकी सरकार की योजनाओं से दिल्लीवासियों में एक सकारात्मक छवि बनी हुई है। खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी-बिजली जैसे बुनियादी मुद्दों पर पार्टी का फोकस इसे मजबूत स्थिति में रखता है।
    • बीजेपी का चुनौतीपूर्ण अभियान: बीजेपी दिल्ली में सत्ता की वापसी के लिए अपने पूरे दम-खम के साथ मैदान में है। मोदी सरकार की छवि और केंद्रीय योजनाओं के प्रचार से बीजेपी दिल्ली में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
    • कांग्रेस की वापसी की उम्मीद: कांग्रेस ने इस बार युवा और महिला वोटर्स को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। हालांकि, पार्टी को पहले जैसा प्रभावी नेतृत्व और समर्थन नहीं मिल पा रहा है, फिर भी यह पार्टी कुछ सीटों पर अपनी वापसी की उम्मीद लगाए हुए है।
    दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी, आम आदमी पार्टी, और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। इन चुनावों में किस पार्टी की रणनीति और वादे दिल्लीवासियों को सबसे अधिक प्रभावित करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। चुनावी प्रचार ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली की राजनीति अब सिर्फ स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति के साथ भी जुड़ चुकी है। 5 फरवरी को होने वाली वोटिंग में दिल्लीवासी यह तय करेंगे कि उनके लिए किस पार्टी का विजन और नेतृत्व सबसे उपयुक्त रहेगा।

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