🕒 Published 5 months ago (7:28 AM)
मेलोनी ने कहा, “जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वैश्विक वामपंथी उदारवादी नेटवर्क बनाया, तो उन्हें महान राजनेता कहा गया। लेकिन जब ट्रंप, मेलोनी, मिली या शायद मोदी ऐसा करते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा कहा जाता है। यह वामपंथ की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।”
मेलोनी ने यह टिप्पणी वाशिंगटन डीसी में आयोजित कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) को वर्चुअली संबोधित करते हुए दी।
अवैध प्रवास के मुद्दे पर सख्त रुख
इटली सहित यूरोप के अन्य देशों में बढ़ते अवैध प्रवास को लेकर मेलोनी लगातार चिंता जताती रही हैं। उन्होंने इस खतरे को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की वकालत की, ठीक वैसे ही जैसे ट्रंप अमेरिका में और पीएम मोदी भारत में कर रहे हैं।
इसके अलावा, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली ने सरकारी खर्चों में कटौती और संघीय नौकरशाही को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसे अमेरिका में एलन मस्क के नेतृत्व वाले “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी” से तुलना की जा रही है।
“हम आजादी के रक्षक हैं”
मेलोनी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि वामपंथियों के लाख विरोध के बावजूद लोग इन नेताओं को वोट दे रहे हैं, क्योंकि ये स्वतंत्रता के सच्चे रक्षक हैं।
उन्होंने कहा, “हम स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। हम अपने राष्ट्र से प्रेम करते हैं। हम सुरक्षित सीमाओं की मांग करते हैं। हम अपने नागरिकों और व्यवसायों को संरक्षित करते हैं। हम परिवार और जीवन का समर्थन करते हैं। हम वोकिज्म (wokeism) के खिलाफ लड़ते हैं। हम अपने धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पवित्र अधिकार की रक्षा करते हैं। और हम सामान्य समझदारी (common sense) के लिए खड़े हैं।”
मेलोनी ने यह भी कहा कि यूरोप के लोग अब समझने लगे हैं कि सुरक्षा को मजबूत करना प्राथमिकता है, और यदि कोई इसे संरक्षित करने की इच्छा या साधन नहीं रखता है, तो स्वतंत्रता की रक्षा करना मुश्किल होगा।
अफगानिस्तान संकट पर ट्रंप को मजबूत बताया
इटली की प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि व्हाइट हाउस में ट्रंप होते, तो अमेरिका को अफगानिस्तान जैसी आपदा नहीं देखनी पड़ती, जब अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और तत्कालीन लोकतांत्रिक सरकार को गिरा दिया था।
“रूढ़िवादी शक्तियों को एकजुट रहना चाहिए”
मेलोनी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि रूढ़िवादी नेताओं को एकजुट रहकर सभ्यता की रक्षा करनी होगी और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मजबूत विश्व का निर्माण करना होगा।
उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि इस लड़ाई में मैं अकेली नहीं हूं। आप सब मेरे साथ हैं। हम सब एक साथ खड़े हैं। और विश्वास रखिए, यही सबसे बड़ा फर्क पैदा करता है।